घरों में पुरुष भी हो रहे प्रताड़ित

  • पारिवारिक न्यायालय में हजारों केस हैं दर्ज

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
घरेलू हिंसा का जब भी नाम आता तो जहन में ख्याल आता है कि महिलाओं के साथ आए दिन मामले सामने आते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है, घरेलू हिंसा के पीडि़तों में महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी हैं। पारिवारिक न्यायालय  में रोज ऐसे केस दर्ज होते हैं जिसमें एक पति, पत्नी या उसके परिजनों के द्वारा प्रताड़ित हो रहा है। पति के साथ भी घरेलू हिंसा होती है। जब समाज में यह बात फैलती है तो लोग तमाम तरह की बातें भी करते हैं। पति के घरेलू हिंसा से बचने के लिए कोई भी कड़े नियम नहीं बनाए गए हैं। कोई भी महिला बड़ी ही आसानी से अपनी बात मनवाने के लिए पति को धमकी दे देती है। पारिवारिक न्यायालय में इस तरह के केस भी दर्ज हैं, जिसमें पत्नी अपनी बात मनवाने के लिए पति के ऊपर दबाव बनाती है। यहां तक की पति को उसके माता-पिता, भाई-बहन से बात करने से भी मना करती है। इसके अलावा जब पत्नी की इच्छा इससे भी नहीं भरती है तो वह उल्टा पति और उसके परिजनों पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाकर कई संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवा देती है। घरेलू हिंसा से परेशान बेबसी में अब पुरुष आत्महत्या जैसा कदम उठाने को भी मजबूर हो रहे हैं। वहीं महिलाओं के पास कानून का सहारा है, जिसका दुरुपयोग भी बढ़ रहा है। इस बात को अब स्वीकार भी किया जा रहा है। समाज में यह एक आम धारणा बनी है कि पुरुष या पति कभी घरेलू हिंसा का शिकार नहीं हो सकता। घरेलू हिंसा जैसा शब्द सिर्फ महिलाओं के साथ जुड़ सकता है, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। यह हम नहीं कह रहे आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं।
2023 में 1 लाख 64 हजार पुरुषों ने की आत्महत्या
एनसीआरबी 2023 के आंकड़े बताते हैं कि घरेलू हिंसा का शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं ही बल्कि पुरुष भी हो रहे हैं। साल 2023 के अनुसार 1 लाख 64 हजार पुरुष आत्महत्या कर चुके हैं। मप्र में पुरुष आत्महत्या के मामले में इंदौर दूसरे स्थान पर है, जबकि पहले स्थान पर जबलपुर और तीसरे स्थान पर भोपाल है। 2024 में महिलाओं द्वारा प्रताडि़त पुरुषों की आत्महत्या की दर में अनुमानित 11 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। अब यह आंकड़ा 1 लाख 81 हजार 422 तक पहुंच चुका हैं। इंदौर में प्रतिदिन 3 से 5 युवा पुरुष महिलाओं द्वारा झूठे मुकदमे से प्रताडि़त होकर आत्महत्या कर रहे हैं। देशभर में दिल्ली प्रथम स्थान पर हैं, जबकि मध्य प्रदेश देश में पांचवें नंबर पर आता है। वहीं मप्र में इंदौर दूसरे और जबलपुर पहले स्थान पर है। संस्था पौरुष (पीपुल अगेंस्ट अन इक्वल रूल्स यूज्ड टू शेल्टर हैरासमेंट) साल 2018 से पुरुषों के लिए काम कर रही है। संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने बताया कि इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे देश भर से फोन आते हैं। हर साल डेढ़ से दो हजार पुरुष यह परेशानी फोन पर बता रहे हैं।
10 में से दो पुरुष घरेलू हिंसा से पीड़ित
महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा को लेकर कानून बने हुए हैं और उनकी सुरक्षा के लिए हर कोई आगे खड़ा होता है, लेकिन पुरुषों के लिए कानूनी तौर पर कोई भी व्यवस्था नहीं है। उनके लिए घरेलू हिंसा का कोई कानून नहीं बना है। यहां तक की घरेलू हिंसा शब्द का इस्तेमाल जहां पर होता है वहां आमतौर पर महिला की ही इमेज हमारी नजरों में बनती है, जबकि ऐसा नहीं है। 10 में से दो पुरुष घरेलू हिंसा से पीडि़त हैं। मौजूदा समय बहुत सारी एनजीओ पुरुष घरेलू हिंसा को लेकर आवाज उठा रही हैं और इसके लिए कानून बनाने की भी मांग कर रही हैं, ताकि महिलाओं के द्वारा जो पुरुष प्रताड़ित हो रहे हैं, जिनकी जिंदगी तहस-नहस हो गई है, उनको इंसाफ मिल सके। कभी-कभी कुछ केस ऐसे आते हैं जिसमें देखते हैं कि घरेलू हिंसा पुरुष पर महिला कर रही थीं। उल्टा पुलिस पति और परिवार के अन्य सदस्यों पर दहेज समेत अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर देती है। पहले एफआईआर दर्ज होते ही पति और उसके परिवार वालों को पुलिस गिरफ्तार कर लेती थी, लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है। इस मामले में थोड़ा सुधार हुआ है। फिलहाल अभी तुरंत नहीं हो रहा है। मामले की पूरी जांच होती है। कुछ समय का उन्हें टाइम दिया जाता है। उसके बाद उन्हें पुलिस अपनी रिमांड में लेती है। पुरुषों के हित में कानून बनना चाहिए, क्योंकि इस तरह के बहुत सारे केस आते हैं जिसे हम देखते हैं। बहुत से केस मैंने लड़े भी हैं।
प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या
 इंदौर में 22 जनवरी को यादवानंद निवासी 28 वर्षीय नितिन ने प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मामले के अनुसार नितिन की पांच साल पहले राजस्थान की हर्षा से शादी हुई थी। 2023 से हर्षा एक साल के बेटे को लेकर मायके में रह रही है। उसने नितिन, मां और भाई के खिलाफ दहेज प्रताडऩा व घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया था, इससे परेशान होकर नितिन ने आत्महत्या की थी। वहीं इंदौर के ही निवासी 35 वर्षीय नीतेश नामदेव की शादी साल 2021 में शिवपुरी में हुई थी। शादी के तीसरे दिन पत्नी सारी नकदी, ज्वेलरी लूटकर भाग गई। साथ ही पूरे परिवार पर 498, दहेज, घरेलू हिंसा, भरण पोषण के केस दर्ज करा दिए। नीतेश ने बताया कि शिकायत थाने से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मानसिक तनाव के चलते आज डायबिटीज का शिकार हो गया हूं। परिवार में मेरे साथ बुजुर्ग माता-पिता भी रहते हैं। 

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