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- आत्मनिर्भर बनने के स्वप्र को साकार करने की पहल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि स्टार्ट-अप को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दें, जिससे भारत के युवा नौकरी करने वाले से ज्यादा नौकरी देने वाले बनें। आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने में इस विजन को मध्यप्रदेश में मूर्तरूप देने के लिए आगे बढक़र कार्य कर रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति को मंजूरी इसी का परिणाम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि नई स्टार्ट-अप नीति बन जाने से जीआईएस-2025 प्रदेश को ग्लोबल स्टार्ट-अप हब के रूप में स्थापित करने का बड़ा अवसर साबित होगी। युवा उद्यमियों को ग्लोबल मंच मिलेगा और लाखों रोजगार सृजित होंगे। प्रदेश की नई स्टार्ट-अप नीति से स्टार्ट-अप्स उद्यमियों के समक्ष आने वाली संभावित चुनौतियों का समाधान होगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में स्टार्ट-अप्स की संख्या को दोगुना करना है। वर्तमान में सक्रिय स्टार्ट-अप्स की संख्या 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 1.10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। स्टार्ट-अप्स के युवा उद्यमियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रारंभिक पूंजी की व्यवस्था करना होती है। राज्य सरकार युवाओं की इस बाधा को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपए का सीड कैपिटल फंड स्थापित कर रही है। यह कोष उभरते स्टार्ट-अप्स को उनके शुरुआती चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इससे वे अपने स्टार्ट-अप का विस्तार कर सकेंगे साथ ही विस्तार की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।
मेगा इनक्यूबेशन सेंटर और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
नई नीति में राज्य में मेगा इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। ये स्टार्ट-अप्स को ग्लोबल बाजार तक पहुंचने में मदद करेंगे। बौद्धिक संपदा सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी है। इसके लिए घरेलू पेटेंट के लिए 5 लाख और अंतर्राष्ट्रीय के लिए 20 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
रणनीतिक क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स को प्राथमिकता
नीति में कृषि, फूड प्रोसेसिंग, डीप टेक, बॉयोटेक और नवीनतम तकनीकों के क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इससे राज्य में विविध और सशक्त स्टार्ट-अप ईको सिस्टम विकसित होगा, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी।
स्टार्ट-अप काउंसिल और ऑनलाइन पोर्टल
नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने और क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए स्टार्ट-अप एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके साथ ही स्टार्ट-अप्स के लिए एक समर्पित ऑन लाइन पोर्टल और हेल्प लाइन भी बनाई गई है।
ऑटो हब का उभरता केंद्र बनेगा मध्यप्रदेश
आईटी एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खनन, ऊर्जा, खाद्य प्र-संस्करण, फार्मा, कपड़ा, लॉजिस्टिक्स, कौशल विकास, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस और पेट्रो केमिकल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने खुद को निवेशकों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया है। रीवा मेगा सोलर प्लांट, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और नीमच पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएं प्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब बना रही हैं। सरकार की नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में 53 हजार से अधिक मेगावॉट की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है। वहीं पीथमपुर ऑटो क्लस्टर, एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड टेस्टिंग ट्रैक, 200 से अधिक ऑटो पाट्र्स निर्माता और 30 से अधिक ओरिजनल इक्युपमेंट्स मैन्यूफैक्चरर्स (ओईएम) के साथ प्रदेश ऑटोमोबाइल उद्योग में तेजी से विस्तार कर रहा है। ईवी मैन्युफैक्चरिंग और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियां लागू की जा रही हैं। प्रदेश भारत का अगला ऑटो हब होगा। प्रदेश भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का उभरता केंद्र है। प्रदेश में रक्षा उत्पादन और एयरोस्पेस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। डीआईसी इंदौर, एमआरओ हब और एयरोस्पेस पार्क के माध्यम से प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को गति दे रहा है।
किराए पर सब्सिडी और महिला उद्यमिता को बढ़ावा
स्टार्टअप्स के खर्चों को कम करने के लिए नीति के तहत किराया सहायता योजना लागू की गई है। स्टार्ट-अप्स को 50 प्रतिशत तक किराया भत्ता (अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति माह) प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही महिला उद्यमियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। नई नीति के अनुसार, राज्य में 47 प्रतिशत महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
एंटरप्रेन्योर-इन-रेजिडेंस ईआईआर प्रोग्राम
राज्य में स्टार्ट-अप्स के लिए एंटरप्रेन्योर-इन-रेजिडेंस ईआईआर प्रोग्राम लागू किया जा रहा है। इसमें चुने गए स्टार्ट-अप्स को 10 हजार रुपए प्रति माह (अधिकतम एक वर्ष के लिए) की सहायता दी जाएगी। साथ ही प्रत्येक नए कर्मचारी पर 13 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इसे स्टार्ट-अप्स मानव संसाधनों के प्रशिक्षण और विकास में निवेश कर सकेंगे।