- निवेशकों को नहीं भटकना होगा जमीन के लिए
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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिए 1.25 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की औद्योगिक भूमि-बैंक है। इसमें से 19,011 हेक्टेयर क्षेत्र उद्योगों के लिए पहले ही विकसित किए जा चुके हैं। राज्य में 76 विकसित, 19 विकासाधीन और 13 प्रस्तावित भूमि-बैंक हैं, जो 5 ग्रोथ सेंटर्स में फैले 79 भूखंडों में वितरित हैं। राज्य में 6 प्रमुख ड्राई इनलैंड कंटेनर डिपो हैं, इनकी वेयरहाउसिंग क्षमता 240 लाख मीट्रिक टन है। मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है, जहां 31 गीगावाट विद्युत का उत्पादन होता है, जिसमें 20 प्रतिशत क्लीन एनर्जी है। मध्यप्रदेश किसी भी औद्योगिक क्षेत्र की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति करने में सक्षम है। मध्यप्रदेश, समृद्ध अर्थव्यवस्था, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, राज्य सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियों और विशेष प्रोत्साहन योजनाओं के साथ निवेश के असीमित अवसरों की उपलब्धता से देश-विदेश के उद्यमियों के लिए निवेश का प्रमुख स्थल बन गया है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रभाव क्षेत्र में आने से मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास के अवसर उपलब्ध हैं। मजबूत रेल और सडक़ नेटवर्क के अलावा राज्य में 6 व्यावसायिक एयरपोर्ट हैं, जहां से 100 से अधिक उड़ानें संचालित होती हैं। नवाचार-आधारित उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति-2022 जारी की है। एमएसएमई इकाइयों के विस्तार और राज्य में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना प्रारंभ की गई है। निवेश को आकर्षित करने के लिए, राज्य सरकार ने एमएसएमई विकास नीति और औद्योगिक प्रोत्साहन नीति प्रारंभ की है।
ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस
ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस रैंकिंग में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। यहां व्यापार संचालन और निवेश के लिये माहौल को अत्यधिक अनुकूल बनाया गया है। इसके साथ ही नियामकीय प्रक्रियाओं को अत्यंत सरल किया गया है। इससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रदेश में किये गए मुख्य सुधारों में ऑनलाइन पंजीकरण, लाइसेंसिंग और अनुमति स्वीकृति जैसी व्यावसायिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण और इन्वेस्ट मध्यप्रदेश विंडो प्रमुख हैं। इन्वेस्ट पोर्टल को नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
राज्य में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं। इनमें संयंत्र और मशीनरी में निवेश पर 40त्न तक इन्वेस्टमेंट प्रोत्साहन सहायता, रोजगार सृजन पर 1.5 गुना पूंजी सब्सिडी, निर्यात पर 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी शामिल है।
खनिज संसाधन और औद्योगिक समृद्धि
प्रदेश में कोयला, हीरा, तांबा, लौह अयस्क और ग्रेफाइट जैसे खनिज संसाधनों का भण्डार है। प्रदेश तांबा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम और हीरे का देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। राज्य सरकार कृषि और खाद्य प्र-संस्करण, आईटी, आईटीईएस, पर्यटन, वस्त्र उद्योग, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, ऑटोमोबाइल, दवाइयां एवं फार्मास्यूटिकल्स और रक्षा एवं एयरोस्पेस सेक्टर पर ध्यान दे रही है। राज्य में 8 फूड पार्क, लगभग 15 मिलियन मीट्रिक टन की वेयरहाउसिंग क्षमता और 3 लाख 54 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र कवर करने वाले कोल्ड स्टोरेज के साथ मध्यप्रदेश उद्योगों के लिए एक आकर्षक निवेश स्थल बनता जा रहा है।