नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि 1985 के कनिष्क बम विस्फोट घटना से सीखे गए सबक के बावजूद कनाडा सरकार ने चरमपंथियों और अलगाववादियों को स्वतंत्रता के नाम पर अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए जगह दी। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।
सरकार से 1985 के कनिष्क बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच और अभियोजन के संबंध में कनाडा सरकार और अन्य भागीदारों के साथ भारत की भागीदारी की वर्तमान स्थिति और उसके विवरण के बारे में पूछा गया था। सवाल का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, एआई-182 कनिष्क बम विस्फोट की योजना और क्रियान्वयन कनाडा में किया गया था। मंत्री ने कहा कि इस नृशंस हमले में 329 निर्दोष लोगों (ज्यादातर भारतीय मूल के) की जान चली गई, जिनमें 24 भारतीय नागरिक शामिल थे।
मंत्री सिंह ने कहा कि मई 2006 में कनाडा सरकार ने बम विस्फोट की जांच के लिए एक आयोग नियुक्त किया था। 25 वर्ष बाद 16 जून, 2010 को कनाडा सरकार को जांच आयोग की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसका शीर्षक था, ‘एयर इंडिया फ्लाइट182: ए कैनेडियन ट्रेजडी’। मंत्री ने कहा कि आयोग ने रिपोर्ट में बम विस्फोट के समय की गई कनाडा सरकार की अनेक गलतियों को उजागर किया है। कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि कनाडा सरकार की एजेंसियों के पास महत्वपूर्ण जानकारी थी, जिससे यह पता लगाया जा सकता था कि फ्लाइट AI-182 पर बमबारी का उच्च जोखिम था। उन्होंने कहा कि कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इस त्रासदी के पीड़ितों के प्रति माफी मांगी थी।