- जनसंख्या से 1.72 करोड़ अधिक बन गई समग्र आईडी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए तरह-तरह के फर्जीवाड़े किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक फर्जीवाड़ा समग्र आईडी बनाने में सामने आया है। प्रदेश की आबादी 8.79 करोड़ हो गई है, लेकिन समग्र आईडी 10.51 करोड़ बन गई है। यानी प्रदेश की कुल जनसंख्या से 1.72 करोड़ अधिक समग्र आईडी बन गई है। जानकारी का कहना है कि राशन, पीएम आवास, छात्रवृत्ति का लाभ लेने के लिए यह फर्जीवाड़ा किया गया है।
मप्र के समग्र डाटा में राज्य की आबादी में 1.72 करोड़ बढ़ गई है। अपात्र लोगों ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए दोहरी आईडी बनवा लीं। सरकार ने इन दोहरी समग्र आईडी को खत्म करने के लिए हर आईडी से आधार लिंक होने की अनिवार्यता कर दी है। साथ ही 30 जुलाई से 30 सितंबर तक अभियान भी चलाया। फिर भी प्रदेश में 55 प्रतिशत समग्र आईडी ऐसी हैं, जिनकी ई-केवायसी लंबित है। राष्ट्रीय आयोग की तकनीकी समूह की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जुलाई 2024 तक प्रदेश की आबादी 8.79 करोड़ है। लेकिन प्रदेश में समग्र आईडी 10.51 करोड़ से अधिक बन चुकी हैं। यानी आबादी से 1.72 करोड़ ज्यादा।
डाटा सुधारने समग्र पोर्टल बंद
जानकारी के अनुसार दो करोड़ समग्र आइडी की जांच कर डाटा सुधारने के लिए समग्र पोर्टल को बंद किया जा रहा है। इस दौरान डाटा में सुधार किया जाएगा, साथ ही समग्र एप्लीकेशन पोर्टल और उससे संबंधित सभी एप्लीकेशनों को नए सर्वर इंफ्रा (एसडीसी 2.0) पर माइग्रेट भी किया जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) की और से सात फरवरी यानी शुक्रवार रात आठ बजे से 14 फरवरी रात आठ बजे तक सात दिन के लिए समग्र पोर्टल व उससे संबंधित सभी एप्लीकेशंस पूरी तरह बंद रहेंगे, लेकिन समग्र एपीआई सेवाएं यथावत संचालित की जाएंगी। लोकसेवा प्रबंधक कार्यालय के अनुसार दो करोड़ समग्र आइडी अधिक दर्ज होने से डाटा में त्रुटि आ रही है। इसके लिए समग्र पोर्टल का काम रोककर जांच की जाएगी। परिवारों के सदस्यों ने अपनी अलग अलग आइडी तो बनवा ली, लेकिन पुरानी आइडी से नाम हटवाने की प्रक्रिया नहीं की। ऐसे लोग जो एक जिले से दूसरे जिले में चले गए या फिर जिनका निधन हो गया है उनकी आइडी भी दर्ज है। जांच के बाद इन सभी को हटाया जाएगा, ऐसी लगभग दो करोड़ आइडी हैं। एमपीएसईडीसी ने पांच फरवरी से समग्र पोर्टल बंद करने का आदेश पहले जारी कर दिया था, लेकिन इसमें मंगलवार को बदलाव करते हुए सात से 14 फरवरी तक का समय तय कर दिया है। वहीं, इससे पहले ही सर्वर ठप हो गया है और लोकसेवा केंद्रों पर मुश्किल से आवेदन दर्ज हो रहे हैं। भोपाल में कलेक्ट्रेट स्थित लोकसेवा केंद्र पर बुधवार को आवेदकों की संख्या कम थी, लेकिन चे आवेदन दर्ज करने के लिए इंतजार करते नजर आए।
दोहरी आईडी चिन्हित
प्रदेश में आबादी से ज्यादा समग्र आईडी बनने के बाद विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से भी ऐसी आईडी चिंहित की गई हैं, जो कि दोहरी नजर आ रही थी। साथ ही इन आईडी को संबंधित नगरीय निकाय और जनपद पंचायत को वेरीफिकेशन के बाद काटने के लिए भी कहा गया था। अब 14 फरवरी तक नाम काटे जाएंगे। एमपीएसईडीसी ने भले ही 14 फरवरी तक का समय तय किया है, लेकिन 15 और 16 फरवरी को शनिवार व रविवार का अवकाश है। इस वजह से अब समग्र पोर्टल सोमवार यानी 17 फरवरी से शुरू होगा। इस अवधि में समग्र, एसपीआर, बीपीएल पोर्टल और वेब सर्विस फार एपीआइ को शीघ्र ही नए सर्वर इंफ्रा (एसडीसी 2.0) में माइग्रेट किया जाएगा। इससे एप्लीकेशन की दक्षता और कार्यक्षमता में सुधार होने के साथ ही साफ्टवेयर से बेहतर सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। समग्र पोर्टल के बंद होने से अब खसरा, खतौनी, जाति, मूल निवासी, आय प्रमाणपत्र, नामांतरण, सीमांकन, ईडब्ल्यूएस, समग्र आइडी सहित अन्य के लिए नए आवेदन जमा नहीं किए जा सकेंगे। जबकि इस दौरान पहले से बने सभी दस्तावेज आवेदकों को उपलब्ध कराए जा सकेंगे। प्रबंध संचालक एमपीएसईडीसी आशीष वशिष्ठ का कहना है कि सभी एप्लीकेशन को नए सर्वर इंफ्रा (एसडीसी 2.0) में माइग्रेट किया जाएगा। इसके लिए सात से 14 फरवरी तक इससे संबंधित सेवा को बंद रखेंगे।