भाजपा संगठन में दिखेगा सिंधिया का दम

 सिंधिया
  • केंद्रीय मंत्री के समर्थकों को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पांच साल पहले कांग्रेस छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद भाजपा की जो नई टीम बनेगी उससे ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को भी स्थान देने की तैयारी की जा रही है। यानी मप्र भाजपा संगठन में भी सिंधिया का दम दिखेगा। गौरतलब है कि भाजपा में कांग्रेस से आए नेताओं के कारण समन्वय का संकट अब भी है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में अन्य दलों से भाजपा में आकर विधायक बने नेता पार्टी के लिए संकट खड़ा कर रहे हैं तो इस बार जिलाध्यक्ष पद के चुनाव में भी बिखराव स्पष्ट दिखाई दिया। इसके बावजूद पार्टी जिले से प्रदेश स्तर तक की नई टीम में सिंधिया समर्थक और कांग्रेस से आए कार्यकर्ताओं को भी महत्व देगी। हाल ही में हुए संगठन चुनाव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक जसमंत जाटव को शिवपुरी का जिलाध्यक्ष बना कर इसका संकेत दिया जा चुका है। भूपेंद्र सिंह जैसे भाजपा के बड़े नेता भी कांग्रेस नेताओं को भाजपा में मिल रहे महत्व के प्रति नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
सिंधिया समर्थकों को मिल रहा महत्व
 कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बढ़ा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी सरकार में दूसरी बार केंद्रीय मंत्री हैं। उन्हें दूरसंचार विभाग का मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही सिंधिया के कई समर्थक विधायक मोहन यादव की कैबिनेट में मंत्री हैं। हाल ही में भाजपा ने जिला अध्यक्षों की घोषणा की है। इसमें सिंधिया समर्थक कई नेताओं को जगह मिली है।  संगठन चुनाव में बूथ से लेकर मंडल और जिलाध्यक्षों के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। तीनों स्तरों पर पार्टी ने वर्ष 2020 में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए कार्यकर्ताओं को स्थान दिया है। ग्वालियर में भी सिंधिया समर्थक जिलाध्यक्ष की दौड़ में थे, लेकिन बाकी नेताओं के एक हो जाने से समीकरण बदल गए और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अपने समर्थक जयप्रकाश राजौरिया को जिलाध्यक्ष बनाने में सफल हो गए। पार्टी अब सभी जिलों में नई कार्यकारिणी के गठन की तैयारी में है। इसमें सिंधिया सहित उन सभी कार्यकर्ताओं को स्थान मिल सकता है, जो कांग्रेस से आए हैं। सिंधिया के साथ भाजपा में आए पंकज चतुर्वेदी जैसे कार्यकर्ता तो विचारधारा के स्तर पर भाजपा के साथ कदमताल करने लगे हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने का निर्णय किया है, जो भाजपा में घुल-मिल गए हैं।
नए अध्यक्ष पर सबकी नजर
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा हो गया है। पार्टी ने उन्हें 2019 में हुए संगठन चुनाव के बाद फरवरी 2020 में राकेश सिंह के स्थान पर प्रदेश की कमान सौंपी थी। लगभग दो वर्ष पूर्व भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया था, यही वजह है कि वीडी शर्मा का कार्यकाल भी बढ़ गया था। इसी तरह कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी नई टीम में स्थान मिल सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ आए अतुल शर्मा को भी भाजपा संगठन में समायोजित किया जा सकता है। छिंदवाड़ा में भी कांग्रेस से आए नेताओं को नई टीम में स्थान दिया जाएगा। इसकी एक बड़ी वजह यह बताई गई है कि कमल नाथ दोबारा छिंदवाड़ा में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं, ऐसे में भाजपा को डर है कि उपेक्षा के चलते कार्यकर्ता वापस कांग्रेस में न चले जाएं इसलिए उन्हें पार्टी में सम्मान दिया जाए। शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश में निगम और मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों में पूर्व में सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस नेताओं की भरमार रही है। नई सरकार में भाजपा कार्यकर्ताओं को हो अधिक प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। साथ ही पूर्व में कांग्रेस से आए जिन नेताओं को निगम और मंडल में मंत्री दर्जा दिए जाने का आश्वासन पार्टी ने दिया था, उन्हें स्थान दिया जाएगा।

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