नई दिल्ली। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ विधेयक को लेकर सोमवार को सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि वक्फ विधेयक को इसके मौजूदा स्वरूप में लाया गया तो देश में सामाजिक अस्थिरता आएगी और पूरा मुस्लिम समुदाय इसे खारिज कर देगा। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा, ‘मैं सरकार को आगाह कर रहा हूं कि अगर वक्फ विधेयक इसी स्वरूप में लाया गया तो देश में सामाजिक अस्थिरता आएगी। पूरा मुस्लिम समुदाय इसे खारिज कर देगा। कोई मुस्लिम संपत्ति नहीं बचेगी।’
वक्फ (संशोधन) विधेयक का अध्ययन करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य ओवैसी ने कहा कि वक्फ विधेयक को लाकर सरकार देश को 80 और 90 के दशक में लौटाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘एक गौरवान्वित मुस्लिम के रूप में मैं अपनी मस्जिद और दरगाह का एक इंच भी नहीं लेने दूंगा। यह मेरी संपत्ति है। वक्फ मेरे लिए उपासना की तरह है।’भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने गत सप्ताह बहुमत से वक्फ विधेयक पर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था। इसे इस सत्र में सदन में पेश किया जा सकता है।
ओवैसी ने सरकार पर विदेश नीति पर समझौता करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भारत ‘नरसंहार समझौता’ (जेनोसाइड कन्वेंशन) में पक्षकार है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फलस्तीन में हो रहे ‘नरसंहार’ पर कुछ नहीं बोलते। एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि लाखों फलस्तीनी मारे गए और घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री यूक्रेन में युद्ध रोकने की बात करते हैं, लेकिन फलस्तीन को लेकर कुछ नहीं बोलते।’ ओवैसी ने कहा कि हमारी सरकार को गाजा में स्वास्थ्य क्षेत्र के निर्माण की जानकारी लेनी चाहिए। फलस्तीनियों को छात्रवृत्ति के लिए भारत आमंत्रित करना चाहिए।