बिच्छू राउंडअप/स्टॉक मार्केट लहूलुहान, सेंसेक्स 678 अंक लुढक़ा, निफ्टी में 207 अंकों की बड़ी गिरावट

  • रवि खरे
भारतीय शेयर बाजार

स्टॉक मार्केट लहूलुहान, सेंसेक्स 678 अंक लुढक़ा, निफ्टी में 207 अंकों की बड़ी गिरावट
बजट के बाद भारतीय शेयर बाजार का मूड और खराब हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने के ऐलान और इन देशों द्वारा जवाबी शुल्क लगाने की कार्रवाई ने दुनियाभर के बाजारों का मूड खराब कर दिया है। आपको बता दें कि अमेरिकी सरकार ने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25 फीसदी और चीनी सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो मंगलवार से प्रभावी होगा। इस घोषणा से निवेशकों में घबराहट फैल गई, जिससे प्रमुख एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। इसका असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल रहा है। शुरुआती कारोबार में 678.01 सेंसेक्स अंक टूटकर 76,827.95 अंक पर पहुंच गया है। वहीं, एनएसई निफ्टी 207.90 अंकों की गिरावट के साथ 23,274.25 अंक पर पहुंच गया है। अगर टूटने वाले शेयरों पर नजर डालें तो टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, जोमैटो, इंडसइंड बैंक में बड़ी गिरावट है।  बाजार में बड़ी गिरावट से सिर्फ 5 मिनट में ही निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। यह आज की बात नहीं है। पिछले काफी समय से निवेशकों को लगातार निवेशको को नुकसान हो रहा है। बाजार में बड़ी गिरावट से म्यूचुअल फंड निवेशकों निराश हो गए हैं। इसके चलते सिप खाते बंद होने का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ट्रेड वॉर शुरू होने से अमेरिका सहित दुनियाभर के बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।

आज संसद में पेश होगी जेपीसी रिपोर्ट, विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
संसद के बजट सत्र में सोमवार (तीन फरवरी) को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पर विपक्षी सांसदों ने असहमति जाहिर की है। कार्यसूची के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद जगदम्बिका पाल, संजय जायसवाल के साथ मिलकर रिपोर्ट (हिंदी और अंग्रेजी संस्करण) तथा समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों के रिकॉर्ड प्रस्तुत करेंगे, जिनके आधार पर समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है। जगदम्बिका पाल ने विधेयक पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। उन्होंने बुधवार को कहा, हमने रिपोर्ट और संशोधित संशोधित विधेयक को अपना लिया है। पहली बार हमने एक खंड शामिल किया है जिसमें कहा गया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर पड़े लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए। कल हम यह रिपोर्ट स्पीकर के सामने पेश करेंगे। पाल ने कहा, हमारे समक्ष 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में सदस्यों द्वारा संशोधन प्रस्तावित किए गए।

ग्रैमी पुरस्कार: भारतीय-अमेरिकी संगीतकार सहित  चंद्रिका टंडन ने जीता ग्रैमी अवॉडर्स
चंद्रिका टंडन, वाउटर केलरमैन और एरु मात्सुमोतो ने अपने सम्मानों के कलेक्शन में ग्रैमी पुरस्कार भी जोड़ दिया है।  तीनों ने अपने कोलाब वर्क त्रिवेणी के लिए बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट या चैंट एल्बम के लिए ग्रैमी जीता है। ग्रैमी अवॉड्र्स 2025 2 फरवरी को लॉस एंजिल्स के क्रिप्टो डॉट कॉम एरिना में आयोजित किया गया। जहां चंद्रिका इंडियन ट्रेडिशनल अटायर रेशमी सलवार सूट पहनकर शो में पहुंची। इस लुक को उन्होंने अपने स्टेटमेंट नेकलेस के साथ कम्पलिट किया। वह भारतीय मूल की उन कुछ प्रतिभाओं में से एक थीं, जिन्हें अलग अलग कैटेगरी में नॉमिनेशन हासिल हुआ था। चंद्रिका टंडन, वाउटर केलरमैन और एरु मात्सुमोतो तीनों को अपनी कैटेगरी में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा, जिसमें राधिका वेकारिया, रिकी केज और अनुष्का शंकर जैसे उल्लेखनीय कलाकारों के साथ उन्होंने मुकाबला किया। टंडन ने पहले समकालीन विश्व संगीत कैटेगरी में सोल कॉल के लिए 2011 के नॉमिनेशन के बाद ग्रैमी जीता था।

मध्य वर्ग की जेब में आएंगे 1 लाख करोड़, पैदा होगी 3.3 लाख करोड़ की मांग
बजट 2025-26 में टैक्स छूट की सीमा बढ़ा कर 12 लाख करने और टैक्स की दरों में बदलाव से लोगों की जेब में करीब 1 लाख करोड़ रुपये आएंगे। यह रकम वह अपनी जरूरतों या दूसरे कामों पर खर्च करेंगे, जिससे 3.3 लाख करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। इससे सुस्त हो रही अर्थव्यवस्था का चक्का तेजी से घूमेगा और देश को आठ प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी। 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए जरूरी है कि कम से कम एक दशक तक अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत की दर से बढ़े। एसबीआइ की रिपोर्ट के अनुसार नए टैक्स स्ट्रक्चर से चार लाख और इससे अधिक आय के स्लैब में आने वाले करीब 5.65 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। जिन लोगों की कमाई सालाना आठ लाख और 12 लाख के बीच है, उनको इस बदलाव से सबसे अधिक लाभ होगा। एसबीआई का अनुमान है कि टैक्स के मद में बचत होने से खपत काफी ज्यादा बढ़ेगी। लोगों के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसा होगा। लोग घर, कार, टीवी, फ्रिज जैसी चीजें खरीदेंगे। इससे मांग में तेजी आएगी। अब कंपनियां नए उत्पाद बनाएंगी।

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