अब अमेरिकी लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी: डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के तुरंत बाद ही अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इस आदेश के तहत सरकारी एजेंसियां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाएंगी। आदेश में ट्रंप ने बाइडन सरकार की ओर से ऐसे मामलों में की गई कार्रवाईयों पर अटॉर्नी जनरल से रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन न करने के निर्देश दिए हैं। कैपिटल वन एरेना में आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले ट्रंप ने कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने की हमारी संघीय सरकारों की वर्षों पुरानी असांविधानिक और गैर-कानूनी नीति को खत्म कर रहा हूं। अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी फिर स्थापित होगी। हम हथियारीकरण को रोकने के लिए आज से इसे वापस ला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस कार्यकारी आदेश का उद्देश्य अमेरिकी लोगों पर संघीय सरकार की सेंसरशिप को समाप्त करना है। आदेश में कहा गया कि पिछले चार साल में पूर्व प्रशासन ने ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अमेरिकियों के भाषण को सेंसर करके मुक्त भाषण के अधिकारों को कुचल दिया था। प्रशासन ने सोशल मीडिया कंपनियों पर भारी दबाव डाला। इसके चलते कंपनियों ने संघीय सरकार की बिना मंजूरी वाले भाषणों को नियंत्रित किया और उन्हें प्लेटफॉर्म से हटाया या दबा दिया गया।

आदेश में लिखा गया कि गलत सूचना, बंटवारा करने वाली सूचना और दुर्भावनापूर्ण सूचना से निपटने की आड़ में संघीय सरकार ने पूरे अमेरिका में नागरिकों के सांविधानिक रूप से संरक्षित भाषण अधिकारों का उल्लंघन किया। स्वतंत्र समाज में अभिव्यक्ति पर सरकारी सेंसरशिप असहनीय है। आदेश में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है कि अमेरिकी लोगों के सांविधानिक रूप से संरक्षित अभिव्यक्ति के अधिकारों को सुरक्षित किया जाए। कोई भी संघीय सरकारी अधिकारी, कर्मचारी या एजेंट किसी ऐसे आचरण में शामिल न हो या उसे बढ़ावा न दे, जो किसी भी अमेरिकी नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करता हो।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आदेश के मुताबिक किसी भी करदाता के संसाधनों का उपयोग किसी भी ऐसे आचरण में शामिल होने या उसे सुविधाजनक बनाने के लिए नहीं किया जाएगा, जो किसी भी अमेरिकी नागरिक की मुक्त अभिव्यक्ति को असांविधानिक रूप से कम करेगा। आदेश में अटॉर्नी जनरल से यह भी कहा गया है कि वे पिछले चार वर्षों में संघीय सरकार की उन गतिविधियों की जांच करें जो इस आदेश के उद्देश्यों और नीतियों के अनुरूप नहीं हैं। ऐसे मामलों की एक रिपोर्ट तैयार डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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