सिंहस्थ: भीड़ नियत्रंण के लिए होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • प्रयाग महाकुं भ में सेवा देने वाली कंपनियों को बुलाने की तैयारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। तीन साल बाद उज्जैन में होने वाले महाकुंभ के लिए ड्रोन सर्वे और एआई आधारित तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ में काम कर चुकी कंसल्टेंसी और निजी एजेंसियों को उज्जैन बुलाकर उनसे सुझाव लिए जाएगें की किस तरह से बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के हिसाब से कैसी तैयारी की जाए। इसके आधार पर ही एक आईटी फर्म का गठन कर उ समें विशेषज्ञों की निसुक्ति की जाएगी।
उधर, शासन और प्रशासन का मानना है कि अगले सिहंस्थ में करीब 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ सकते हैं। इस दौरान भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन सर्वेक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा।
महाकुंभ के समापन के बाद आयोजन में जुड़े रहे पीडब्ल्यूडी, पीएचई, जल संसाधन जैसे विभागों के दौरे उज्जैन में शुरू हो जाएंगे और उनके समकक्ष विभागों से चर्चा शुरू होगी ताकि प्रयागराज के अनुभव से सीखा जा सके। साथ ही कम्युनिकेशन, आईटी, क्राउड मैनेजमेंट में लगी एजेंसियों और स्टार्टअप को भी आमंत्रित करेंगे, ताकि उज्जैन महाकुंभ के आयोजना से पहले उनसे सीखा जा सके कि इतने बड़े आयोजनों में क्या- क्या आवश्यकताएं होंगी। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के आयोजन से सीखने उज्जैन के विभागों के और प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे लगातार जारी हैं।
भीड़ नियत्रंण पर पूरा जोर
महाकुंभ में गए एक अफसर का कहना है कि आयोजन में पूरा जोर भीड़ नियंत्रण पर है। यही वजह है कि आयोजन से पहले से लेकर अब तक कई अफसर प्रयागराज को दौरा कर रहे हैं। इसके साथ ही साधु संतों के व्यावहारिक पैटर्न और सुविधाओं से लेकर आने वाले लोगों की अपेक्षाओं का अध्ययन भी किया जा रहा है। इस दौश्रान यह भी पता किया जा रहा है कि क्या व्यावहारिक दिक्कतें आईं, उनका कैसे समाधान हुआ, यह अध्ययन प्रयागराज में हो रहा है। इसके बाद में हरिद्वार महाकुंभ के लिए बनी व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया जाएगा।

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