
सर्वोच्च न्यायालय ने सूचना आयोगों में नियुक्तियों को लेकर जारी किया आदेश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र राज्य सूचना आयोग में खाली पड़े सूचना आयुक्तों के पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति हो सकती है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने इस संबंध में पत्राचार किया है। हालांकि अभी नियुक्ति जैसी कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। गौरतलब है कि मप्र में मुख्य सूचना आयुक्त समेत आयुक्त के 10 पद हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए सरकार ने पिछले साल मार्च एवं अप्रैल में आवेदन बुलाए थे। सरकार ने सितंबर 2024 में मुख्य सूचना आयुक्त एवं 3 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कर दी। इसके बावजूद मप्र सूचना आयोग में आयुक्तों के 7 पद खाली हैं। जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में सूचना आयोगों में नियुक्तियों को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अगली सुनवाई से पहले सूचना आयोगों में नियुक्तियों को लेकर शपथ पत्र मांगा है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड सूचना आयोग में नियुक्तियों की लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। लेकिन इससे अन्य राज्य भी प्रभावित होंगे। अगली सुनवाई 4 मार्च को होना है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और विभिन्न राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों की स्थिति का संज्ञान लिया। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को पर्याप्त संख्या में आयुक्तों की नियुक्ति करने के लिए विशिष्ट और समयबद्ध निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने मुख्य सूचना आयुक्त के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के संयुक्त सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें कहा है कि चयन प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा बताई जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि जिन उम्मीदवारों ने आवेदन नहीं किया है, उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा न्यायालय ने केंद्र सरकार को सर्च कमेटी के सदस्यों और उन उम्मीदवारों की सूची का खुलासा करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने पूर्व के निर्देशों के अनुसार आवेदन किया है।
9 सप्ताह के भीतर चयन करने का निर्देश
दरअसल न्यायालय ने झारखंड सूचना आयोग को लेकर सुनवाई की थी। झारखंड सूचना आयोग के 4 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए न्यायालय ने विधानसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल को निर्देश दिया है कि वह अपने निर्वाचित सदस्यों में से किसी एक को मुख्य और सूचना आयुक्तों के पद पर चयन के लिए चयन समिति के सदस्य के रूप में नामित करे। कोर्ट ने सूचना आयुक्तों का चयन 9 सप्ताह के भीतर करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व प्रशांत भूषण और राहुल गुप्ता ने किया। अदालत ने आदेश दिया है कि मुख्य सूचना आयुक्त और आयुक्त पद के आवेदकों की सूची एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित की जाए। आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए निधर्धारित मानदंडों के साथ खोज समिति की संरचना एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित की जाए। साक्षात्कार पूरा करने की समय सीमा अधिसूचित की जाए। यह प्रक्रिया अधिसूचना की तारीख से छह सप्ताह से अधिक नहीं होगी। सिफारिशें प्राप्त होने पर सक्षम प्राधिकारी दो सप्ताह के भीतर जांच करके नियुक्तियां करेगा। साथ ही न्यायालय ने मुख्य सचिवों को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने सभी राज्यों को रिक्त पदों का विवरण और प्रत्येक आयोग के समक्ष लंबित मामलों की संख्या का खुलासा करने का निर्देश दिया है।