निवेश के लिए विशेष बनेगा मप्र

मप्र
  • जापान और थाइलैंड से भी आएगा निवेश, सीएम जाएंगे आमंत्रित करने

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र को औद्योगिक हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निरंतर प्रयासरत हैं। वहीं निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव के साथ ही विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित किया जा रहा है। निवेश के लिए मप्र को विशेष बनाने के लिए मुख्यमंत्री इंग्लैंड और जर्मनी का दौरा करने के बाद अब जापान और थाइलैंड सहित कई देशों का दौरा करेंगे। इसे लेकर राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री जापानी तकनीक को मप्र की जमीन पर उतरने के लिए जापान में चार दिन तक अलग-अलग शहरों में रहेंगे।  मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 27 जनवरी को चार दिन के लिए जापान के दौरे पर रहेंगे। सीएम का फोकस जापानी तकनीकों को मप्र की जमीन पर उतारना है। वे 24 व 25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में उद्योगपतियों को आमंत्रित करेंगे। 31 जनवरी की शाम को वापस मध्य प्रदेश के लिए उड़ान भरेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले डॉ. मोहन यादव 24 नवंबर को यूके और जर्मनी गए थे। मुख्यमंत्री डा. यादव ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआईएस) से पहले विदेश दौरे पर जाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ आईएएस अधिकारियों का दल भी दौरे में साथ रहेगा। राज्य सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का लोगो जारी करने के साथ ही समिट की वेबसाइट भी लांच कर दी है। 24 और 25 फरवरी को होने वाले समिट में भाग लेने के लिए इच्छुक निवेशक व उद्योगपति अपना पंजीयन करा रहे हैं। वेबसाइट में मध्य प्रदेश में निवेश के लिए अलग-अलग सेक्टर की जानकारी भी दी गई है। मुख्यमंत्री डा. यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन स्वयं जीआईएस की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।
16 को शहडोल में होगी सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव
शहडोल में 16 जनवरी को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। आदिवासी बाहुल्य वाले शहडोल संभाग में पहली बार कोई बड़ा औद्योगिक आयोजन हो रहा है। लगभग 5000 उद्योग प्रतिनिधियों और अन्य आगंतुकों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। 14 या 15 जनवरी को मुख्यमंत्री संभाग के तीनों जिलों के उद्योगपतियों से वीसी के माध्यम से चर्चा करेंगे। इसकी तैयारी भी हो रही है। शहडोल संभाग मुख्य रूप से कोल माइनिंग, गेहूं, चावल,मोटे अनाजों की खेती के लिए और घने जंगलों के लिए जाना जाता रहा है। इन्हीं सेक्टर पर फोकस रखते हुए शहडोल में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। उद्योग प्रमुख सचिव प्रदेश की संभावनाएं और नीतियां प्रेजेंटेशन में रखेंगे। बाद में एमएसएमई विभाग प्रेजेंटेशन में अपनी नीतियां और सुविधाओं के बारे में प्रेजेंटेशन देगा। मुख्यमंत्री वन तो वन चर्चा में उद्योग प्रतिनिधियों से मुखातिब होंगे। क्षेत्र की विशेषताएं आयोजन स्थल में दिखाई जाएंगी। पूरे क्षेत्र में परंपरागत रूप से कोल माइनिंग का काम होता रहा है। साथ ही कृषि क्षेत्र भी समृद्ध रहा है। चिन्नौर, विष्णुभोग, दुबराज अच्छे किस्म के चावल की उपज होती है। साथ ही गेहूं और कोदो कुटकी जैसे मोटे अनाज भी बड़ी मात्रा में लगाए जाते हैं। सरसी, बांधवगढ़ और अमरकंटक जैसा पर्यटन सर्किट मौजूद है, इसे निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। शहडोल कलेक्टर केदारसिंह ने कहा कि आयोजन स्थल में तैयारियां जारी हैं। शहडोल और उमरिया के बीच की सडक़ों में जहां 4 पुल बन रहे हैं, वहां सडक़ों को सुधार कर बेहतर बना रहे हैं। रीवा, कटनी और जबलपुर से सडक़ मार्ग से मेहमान लाए जाएगे। सिंह ने कहा कि क्षेत्र में गेहूं, धान, मोटे अनाज के अलावा कोयला, बॉक्साइट, ग्रेनाइट जैसे खनिज हैं। मीथेन आधारित थर्मल पावर प्लांट, कोक आधारित यूनिट, छोटी स्टील यूनिट जैसी कंपनियों ने रूचि दिखाई है। रिलायंस, बिड़ला, अडानी जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि आएंगे।
अभी तक 3,83,910 करोड़ का  निवेश
प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए अभी तक 6 रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव और देश-विदेश में 6 रोड शो और इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किए गए हैं। जिससे प्रदेश में  3,83,910 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मिला है। प्रदेश में पहली रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव उज्जैन में आयोजित की गई है। इसमें 1,00,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, वहीं 1,00,000 रोजगार की संभावना बताई गई है। उसके बाद  जबलपुर में 12,375 करोड़ के निवेश प्रस्ताव 13,400 को रोजगारख् ग्वालियर में 8,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव 35,000 को रोजगार, सागर में 23,181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव 27,375 को रोजगार, रीवा में 31,814 करोड़ के निवेश प्रस्ताव 27,645 को रोजगार, नर्मदापुरम में 31400 करोड़ के निवेश प्रस्ताव 40500 को रोजगार की संभावना है। इस तरह अब तक के 6 रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव 2,05,770 करोड़ के निवेश प्रस्ताव और 2,43,920 को रोजगार की संभावना है। वहीं देश/विदेश में रोड शो और इंटरेक्टिव सत्र में मुंबई में 75,000 करोड़ निवेश 1,00,000 को रोजगार, कोयंबटूर में 3,255 करोड़ निवेश 8,900 को रोजगार, बैंगलुरु में 3,175 करोड़ निवेश 6,900 को रोजगार, कोलकाता में  19,270 करोड़ निवेश 9,450 को रोजगार, इंग्लैंड में 59,350 करोड़ निवेश, जर्मनी में 18,090 करोड़ निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
यह वर्ष  उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। जीआईएस से इसकी शुरुआत होगी। राज्य का 1.25 लाख एकड़ में फैला विशाल औद्योगिक भूमि बैंक, 112 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और 14 नए ग्रीनफील्ड औद्योगिक क्षेत्रों के प्रस्ताव ने निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां टेक्सटाइल, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, आटोमोबाइल और इलेक्ट्रानिक्स जैसे बहु-क्षेत्रीय औद्योगिक क्लस्टर्स ने राज्य को निवेश के लिए समृद्ध स्थान बना दिया है।

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