- अफसरों के आगे सरकारी कायदे-कानून निष्क्रिय
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। देश के कमाऊ विभागों में शामिल परिवहन विभाग में सरकार के कायदे-कानून की जगह अफसरों की चलती है। यही कारण है कि अफसरों के कृपा पात्र अधिकारी-कर्मचारी ने केवल मनमानी पदस्थापना लेते हैं, बल्कि अपनी इच्छा होने पर ही वहां से दूसरी जगह जाते हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि परिवहन विभाग में मैदानी अधिकारियों का रसूख ऐसा है कि सरकार भी उनकी मर्जी के बिना हटा नहीं पाती है। यदि हटा भी दिया तो फिर सरकार के आदेश को न्यायालय में चुनौती दे देते हैं, लेकिन तबादला नहीं होने देते। जानकारों का कहना है कि परिवहन विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की मैदानी पदस्थापना कुछ शर्तों के अनुसार होती है। जो विभाग को अधिक कमाई करके देता है उस पर अफसरों की मेहरबानी रहती है। इसका परिणाम यह देखने को मिला है कि एक अधिकारी-कर्मचारी कई सालों तक एक ही स्थान पर पदस्थ रहता है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, अधिकारियों को एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक समय तक पदस्थ नहीं रखा जाना चाहिए। जबकि परिवहन विभाग में अधिकारियों की मनमर्जी ही चलती है।
खास बात यह है कि मोहन सरकार के समय एक भी आरटीओ का तबादला नहीं किया गया। सिर्फ परिवहन आयुक्त कार्यालय स्तर पर चार एआरटीओ अर्चना परिहार, सुरेन्द्र गौतम, रंजना कुशवाह, ज्ञानेन्द्र वैश्य और जितेन्द्र शर्मा को अन्य जिलों के प्रभार सौंपे गए हैं। जिनमें जितेन्द्र शर्मा को परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह के गृह जिले नरसिंहपुर के साथ- साथ भोपाल का भी प्रभार सौंपा गया।
एक-एक को तीन-तीन जिलों का प्रभार
जानकारी के अनुसार कुछ मैदानी अधिकारियों पर विभाग इतना मेहरबान है कि एक-एक को तीन-तीन जिलों का प्रभार तक सौंप रखा है। जबकि अधिकारियों की कमी का बहाना बताकर कनिष्ठों को भी नियम विरुद्ध जिलों का प्रभारी बना दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अब तक इन अधिकारियों को इधर-उधर नहीं करके अपने आपको साफ रखा है और अब इस मामले में वे संज्ञान ले सकते हैं। जीएडी के अनुसार, अधिकारियों को एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक समय तक पदस्थ नहीं रखा जाना चाहिए। जबकि परिवहन विभाग में अधिकारियों की मनमर्जी ही चलती है। विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) अर्चना मिश्रा पिछले 11 साल से पदस्थ हैं। हालांकि वे दिव्यांग हैं। रीवा एआरटीओ मनीष कुमार त्रिपाठी अगस्त 2018 से पदस्थ हैं। खंडवा के एआरटीओ जगदीश प्रसाद बिल्लौरे जुलाई 2017 से, सिवनी एआरटीओ देवेश बाथम जुलाई 2019 से, नरसिंहपुर एआरटीओ जितेन्द्र शर्मा जुलाई 2017 से पदस्थ हैं। शर्मा के पास एक जुलाई 2024 से भोपाल और बिल्लौरे के पास अक्टूबर 2023 से बुरहानपुर एआरटीओ का भी अतिरिक्त प्रभार है। रतलाम एआरटीओ दीपक मांझी और देवास की जया बसावा जुलाई 2019 से पदस्थ हैं। भोपाल की अनपा खान जुलाई 2018 से पदस्थ हैं, लेकिन सितंबर 2023 से निलंबित हैं। उनके खिलाफ भोपाल आरटीओ में दलाली को लेकर हुआ चर्चित मामला है जिसमें उनके खिलाफ कार्रवाई हुई। हालांकि बहाली की फाइल चल रही है। वहीं, गुना बस हादसे के बाद से रवि बरेलिया निलंबित चल रहे हैं। वहीं विभाग ने चार निरीक्षकों को दो वरिष्ठ पदों का प्रभार देकर जिला परिवहन अधिकारी की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
जिलों की कमान एआरटीओ को
परिवहन विभाग में आरटीओ नाम का ही खौफ है। लेकिन पूरे विभाग में सिर्फ एक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) निर्मल कुमरावत हैं। उन्हें मुख्यालय ग्वालियर में अटैच करके रखा है। विभाग में ऊंचे औहदे पर बैठे अधिकारियों ने किसी जांच के नाम पर कुमरावत को मुख्यालय में पदस्थ करके रखा है। वहीं जिलों में एआरटीओ कमान संभाले हुए हैं। जुलाई 2020 से क्षितिज सोनी दमोह में पदस्थ हैं। सितंबर 2020 से अर्चना परिहार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुरैना तथा भिंड का भी प्रभार। संतोष कुमार मालवीय उज्जैन, सुनील कुमार शुक्ला सागर के अलावा टीकमगढ़ एवं पन्ना का भी प्रभार, विक्रमजीत सिंह कंग छतरपुर एवं ग्वालियर का भी प्रभार, रीतेश तिवारी सीहोर, स्वाति पाठक दतिया, अनिमेष गढ़पाल बालाघाट में पदस्थ हैं। अगस्त 2021 से जगदीश सिंह भील रायसेन में और कृतिका मोहटा झाबुआ में पदस्थ हैं। कृतिका के पास अलीराजपुर का भी प्रभार है। अक्टूबर 2022 से जितेन्द्र सिंह रघुवंशी क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर, प्रदीप कुमार शर्मा इंदौर, निशा चौहान नर्मदापुरम, मनोज तेहनगुरिया छिंदवाड़ा, आशुतोष भदौरिया सीधी, अनुराम शुक्ला बैतूल में पदस्थ है। अगस्त 2023 से मधु सिंह संभागीय कार्यालय ग्वालियर, रमा दुबे संभागीय कार्यालय जबलपुर साथ ही मंडला का भी प्रभार, राकेश भूरिया शाजापुर, नंदलाल गामड़ नीमच, सुश्री रीना किराड़े जिला बड़वानी, विक्रम सिंह राठौर जिला सिंगरौली, ऋतु अग्रवाल खरगोन में पदस्थ हैं। अक्टूबर 2023 से हृदेश यादव धार, सुरेन्द्र गौतम अनूपपुर, राकेश कुमार आहके हरदा, रंजना कुशवाह शिवपुरी के अलावा अशोकनगर और श्योपुर का अतिरिक्त प्रभार। संतोष पॉल उमरिया, ज्ञानेन्द्र वैश्य राजगढ़ के अलावा गुना का भी प्रभार। बरखा गौड आगर-मालवा में पदस्थ है।