सौरभ के बाद अब चेतन की तलाश में आ रहा लोकायुक्त को पसीना

* हर स्तर पर हो रहा है लापरवाही का खुलासा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।पहले सोने और नगदी से भरी कार और फिर ईडी की छापेमारी में मिली नगदी और अन्य संपत्ति की वजह से लोकायुक्त पुलिस की किरकिरी हो चुकी है। इसके बाद अब उसकी किरकिरी चेतन की तलाश के मामले में हो रही है। दरअसल, आयकर विभाग की पूछताछ के बाद लोकायुक्त पुलिस ने पूछताछ करना उचित नहीं समझा। अब लोकायुक्त पुलिस को उसके बयान लेने है , सो वह गायब हो गया है। बीते तीन दिनों से लोकायुक्त पुलिस उसकी तलाश कर रही है, लेकिन वह मिल ही नहीं रहा है। खास बात यह है कि उसका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा है। यही नहीं अब तक सौरभ शर्मा का भी कोई सुराग नहीं लगा है। छापे के बाद कहा जा रहा है कि वह दुबई में हैं, लेकिन स्पष्ट रुप से कोई इस दावे की पुष्टि नहीं कर रहा है।यह हाल तब है जबकि, उसके पासपोर्ट और हवाई यात्रियों के विवरण से तत्काल पता लगाया जा सकता है कि वह विदेश गया है तो किस देश में गया है। सौरभ शर्मा की तलाश चार जांच एजेंसियों को बना हुआ है। दरअसल ,छापे के बाद आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चेतन के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, लेकिन इस मामले में लोकायुक्त पुलिस अब तक उसके बयान दर्ज नहीं कर सकी है। सौरभ की ही तरह चेतन के भी गायब होने की संभावना होने के बाद भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा उसके बयान दर्ज करने में देरी की गई , लिहाजा वह गायब हो गया है। चेतन ही वो युवक है, जो सौरभ का बेहद विश्वसनीय है। यही वजह है कि वह ही उसका सबसे बड़ा राजदार भी है। छापे के बाद लोकायुक्त पुलिस पूछताछ के लिए सौरभ शर्मा, उसकी पत्नी दिव्या शर्मा, मां उमा शर्मा के अलावा चेतन गौर और शरद जायसवाल को सम्मन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। सम्मन जारी होने के बाद इनमें से कोई भी लोकायुक्त कार्यालय अपने बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है। यही वजह है कि उमा शर्मा के बयान दर्ज करने के लिए, लोकायुक्त पुलिस को खुद ही उसके घर जाना पड़ा है। इसके पहले भी लोकायुक्त पुलिस की लापरवाही तब सामने आयी थी जब छापे के दौरान सोने व नगदी से भरी कार छापे के दौरान ही सौरभ के एक ठिकाने से निकल गई थी। परिवहन आरक्षक सौरभ का सबसे बड़ा राजदार है चेतन चेतन सिंह गौर भी ग्वालियर का रहने वाला है और सौरभ शर्मा का बचपन का दोस्त है। इसके अलावा वो जयपुरिया स्कूल की समिति में सचिव के पद पर कार्यरत हैं, जहां सौरभ की मां उमा शर्मा भी इस स्कूल की समिति की प्रमुख पदाधिकारियों में से एक हैं। चेतन ग्वालियर के लक्कडख़ाना इलाके में स्थित बड़ौदा कोठी का रहने वाला है। हालांकि चेतन लम्बे समय से भोपाल में ही रहता है, जहां इनका एक पेट्रोल पंप भी बताया गया है। हालांकि ग्वालियर में उनके पिता रहते हैं। घटना के बाद से घर पर कोई नहीं है। छापे में चेतन के नाम पेट्रोल पंप, फिशरीज का ठेका, ई -7 अरेरा कालोनी में आवास के दस्तावेज मिले थे। जिस कार में 54. किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले थे। वह भी चेतन के नाम ही है। हालांकि, आयकर विभाग को पूछताछ में चेतन ने बताया है कि कार का उपयोग सौरभ ही कर रहा था।सीसीटीवी कैमरे से हुआ खुलासा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से पता चला है कि छापे के दौरान ही नगदी और 52 किलो सोने से भरी कार उस समय निकली थी, तब सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त की छापे की कार्रवाई चल रही थी। लोकायुक्त टीमें अरेरा कॉलोनी के मकान नंबर ई-7/78 और ई-7/657 में उस समय छापे मार रही थीं। इन्हीं ठिकानों के पास सौरभ द्वारा अपनी मां के नाम पर हाल ही में एक नया मकान ई 7/98 खरीदा था। इसी मकान में उक्त कार खड़ी हुई थी। छापे के बीच ही दोपहर में यह कार उक्त मकान से रवाना हुई थी। ये कार शाहपुरा और बंसल अस्पताल के सामने से जाते हुए भी नजर आई है। इसके बाद कलियासोत होते हुए ये कार मेंडोरी के उस फॉर्म हाउस तक पहुंची थी, जो विनय आसवानी के नाम पर लिया गया है। विनय सौरभ की मौसी का दामाद है और सौरभ का करीबी है।चेतन की पत्नी गई थी शिकायत करने जब पुलिस और इनकम टैक्स अधिकारी मेंडोरी में इनोवा कार से मिली नकदी गिन रहे थे, उसी दौरान सौरभ के दोस्त चेतन की पत्नी रातीबड़ थाने पहुंची थी। उसके द्वारा वहां पर शिकायत की गई थी कि उनकी कार ड्राइवर लेकर चला गया है, वो फोन भी नहीं उठा रहा है। थाने में मौजूद कर्मचारियों को पता नहीं था कि जिस कार की शिकायत की जा रही है, उससे भारी मात्रा में नगदी और सोना बरामद हुआ है। जब पता चला तो चेतन की पत्नी को थाने से रवाना कर दिया गया था।

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