दो मुख्यमंत्रियों के सामने दिखाई भूपेन्द्र सिंह ने खुलकर नाराजगी

भूपेन्द्र सिंह
  • मंच पर नहीं कराया अपना स्वागत

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक इन दिनों सरकार व शासन से बेहद नाराज चल रहे हैं। वे खुलकर सरकार के एक मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उनकी इस नाराजगी कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है। उनकी नाराजगी में आग में घी का काम किया है, आयोजन के लिए लगाए गए बैनर पोस्टर में उनका फोटो नहीं लगाने से। वे इतने नाराज हैं कि सोमवार को सागर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपना स्वागत तक कराने से इंकार कर दिया। वह भी मंच पर सीएम डॉ. मोहन यादव और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने। इस दौरान उन्होंने भरे मंच से अपने संबोधन में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम भी नहीं लिया। वहीं कार्यक्रम को लेकर लगे बैनर-पोस्टर में उनका फोटो नहीं होने पर उन्होंने कहा कि बैनर पोस्टर में फोटो नहीं, दिलों में जगह होना चाहिए। मौका था सागर गौरव दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा लाखा बंजारा झील का कायाकल्प होने के बाद उसके लोकार्पण का। इस दौरान मंच पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद थे। मंच पर सागर नगर निगम के कमिश्नर राजकुमार खत्री अतिथियों का स्वागत कर रहे थे। जब वे गुलदस्ता लेकर भूपेंद्र सिंह के पास पहुंचे तो उन्होंने स्वागत से इंकार कर अधिकारी को आगे जाने का इशारा किया। जिस पर उन्होंने पास ही बैठे दूसरे अतिथि का स्वागत किया। नगर निगम कमिश्नर दोबारा भूपेंद्र सिंह के पास गुलदस्ता लेकर आए तो उन्होंने हाथ जोड़ लिए। उन्हें अन्य अतिथियों का स्वागत करने के लिए इशारा किया। जब नगर निगम कमिश्नर गुलदस्ता लिए वहीं खड़े रहे तो भूपेन्द्र सिंह ने उनके हाथ से गुलदस्ता लिया और सीधे सीएम के पास जा पहुंचे और उन्हें गुलदस्ता देकर उनका स्वागत कर दिया। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जब कार्यक्रम को संबोधित किया तो मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम नहीं लिया। उन्होंने  गोविंद सिंह की बजाय विधायक शैलेंद्र जैन को कार्यक्रम का आयोजक बताया। उन्होंने कहा कि 50 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन सागर में कोई काम नहीं हुआ। मैं पूरे प्रमाण के साथ इस बात को कह सकता हूं कि अगर सागर में मेडिकल कॉलेज आया तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में बना। पहले सागर के अंदर कुछ भी नहीं था।
राजपूत पर पहले भी लगा चुके हैं आरोप
इसके पहले हाल ही में भूपेन्द्र सिंह ने कहा था कि सागर जिले के दो लोगों को लेकर मेरी आपत्ति पहले भी थी और आज भी है और आगे भी रहेगी। सबसे ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार इन्हीं दो लोगों ने किए हैं। ये कौन दो लोग हैं, इसकी जानकारी सभी को है। प्रशासन उनकी बात सुन रहा है, जो कांग्रेस से आए हैं। प्रशासन को पता है कि कब किसकी सुनना है। प्रशासन जिनके इशारे पर काम कर रहा है, वे नहीं चाहते कि भाजपा के मूल कार्यकर्ता मजबूत हों। वे तो कांग्रेस के लोगों को ही मजबूत कर रहे हैं। वे खुद भाजपा में कब तक रहेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने उस समय नाम किसी का नहीं लिया था, लेकिन कहा था कि उनमें से एक मंत्री हैं।
राजपूत ने भी किया था पलटवार
पूर्व मंत्री और खुरई से विधायक भूपेन्द्र सिंह के बयान पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार किया था। उन्होंने भूपेन्द्र सिंह का नाम लिए बिना कहा था कि  एक व्यक्ति क्या पार्टी से बड़ा हो गया है। पार्टी नेतृत्व इसे देख रहा है। मैं भाजपा की तीन कठिन सीमाएं पार कर चुका हूं। हम लगातार पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं। राजपूत ने उनका नाम लिए बिना कहा था कि भाजपा से मैं पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और 41000 वोट से जीता। दूसरा विधानसभा का चुनाव भाजपा से लड़ा और जीता। तीसरा चुनाव लोकसभा का हुआ, मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी मेरी विधानसभा में 86000 वोटों से जीती। तो मैं भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता हूं।  दूसरी बात जब मैं भाजपा में आया था तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में भाजपा मैंने जॉइन की थी। प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व उस समय मौजूद था। मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय नेतृत्व के जॉइनिंग कराने पर भाजपा में आया। उस समय से लगातार मेहनत कर रहा हूं, काम कर रहा हूं। पार्टी को मजबूत कर रहा हूं।

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