कोलकाता। मणिपुर सरकार की परामर्शदात्री समिति के सदस्य सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कोनसम हिमालय सिंह ने शनिवार को मणिपुर संघर्ष के समाधान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में चल रहे संघर्ष का समाधान केवल राजनीतिक बातचीत से ही संभव है। कारगिल युद्ध के नायक और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचने वाले पूर्वोत्तर के पहले सैन्य अधिकारी कोनसम सिंह ने यह भी कहा कि समस्याओं का हल शासन और समानता को प्राथमिकता देने से होगा।
कोनसम सिंह ने एक संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि आगे का रास्ता राजनीतिक संवाद और समझौता करने में है। उन्होंने कहा कि सैन्य तरीके से समस्याओं को हल करने की कोशिश सफल नहीं रही है। उन्होंने मणिपुर में जातीय समूहों के बीच शांति स्थापित करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि पूर्वोत्तर में विभिन्न जनजातियों की अलग-अलग इच्छा इस संघर्ष को और जटिल बनाती हैं। सिंह ने बताया कि यह एक लंबी प्रक्रिया है और इसे हल करना आसान नहीं है।
सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि पूर्वोत्तर में 187 से अधिक जनजातियाँ और 242 भाषाएं हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग इच्छा हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से भारतीय संविधान के लिए एक बड़ी चुनौती उत्पन्न होती है, क्योंकि संविधान सभी की जरूरतों को पूरा करता है, लेकिन सभी के लालच को नहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर भारत में सुरक्षा मुद्दे अन्य हिस्सों से अलग होते हैं, क्योंकि यहां की सीमाएं चीन, बांग्लादेश, म्यांमार और भूटान से लगती हैं।