नर्मदा किनारे रोपे गए पौधों में से 50 प्रतिशत नष्ट

  • 7 साल पहले नर्मदा कैचमेंट में रोपे गए थे 7.25 करोड़ पौधे
  • विनोद उपाध्याय
पौधों

तकरीबन 7 साल पहले तत्कालीन शिवराज  सरकार में नर्मदा नदी के किनारे 7.25 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इनमें से आधे पौधों ने दम तोड़ दिया है। पौधा रोपण के इस अभियान में वन विभाग के अलावा ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, उद्यानिकी, वन विकास निगम और जन अभियान परिषद सहित सात अन्य विभागों ने पौधरोपण किया था। लेकिन उचित देखभाल के अभाव में 50 प्रतिशत पौधे नष्ट हो गए हैं। गौरतलब है कि नर्मदा कैचमेंट एरिया में 2 जुलाई 2017 में अलग-अलग जिलों में एक ही दिन में सवा 7 करोड़ पौधे रोपे गए थे। अब इनमें से कितने जीवित हैं इसका सत्यापन वन विभाग ने नहीं कराया है। इसकी कोई जानकारी भी विभाग के पास नहीं है। वन विभाग ने सिर्फ विभागीय योजनाओं के तहत रोपे गए 3.32 करोड़ पौधों की जीवितता का सत्यापन कराया है। इनमें से भी 48.58 प्रतिशत पौधे मर गए और केवल 51.42 प्रतिशत जीवित बचे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और विधायक मधु भगत के प्रश्न पर वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि 2 जुलाई 2017 को तत्कालीन सीएम ने नर्मदा कैचमेंट में एक ही दिन में सवा सात करोड़ पौधे रोपने का दावा किया था। 2 जुलाई 2017 को सात करोड़ से ज्यादा पौधे लगाने का विश्व रेकार्ड बनाया गया था। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के तटों पर करीब 12 घंटे तक वृक्षारोपण कराया था। पौधारोपण का यह कार्य सुबह सात से शुरु होकी शाम सात बजे तक चला था। इन्हें मध्यप्रदेश में नर्मदा के दोनों तटों के किनारों और नदी के जलग्रहण क्षेत्र वाले कुल 24 जिलों में नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए लगाया गया था। इसका शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक में नर्मदा मंदिर परिसर में पेड़ लगाकर किया था। इस महा-वृक्षारोपण में लगभग दो दर्जन से ज्यादा किस्म के पौधे लगाये जायेंगे। इनमें फलदार और छायादार किस्मों में आम, आँवला, नीम, पीपल, बरगद, महुआ, जामुन, खमेर, शीशम, कदम, बेल, अर्जुन, बबूल, बाँस, इमली, गूलर, खेर तथा कृषि वानिकी के अमरूद, संतरा, नींबू, कटहल, सीताफल, अनार, अचार, चीकू, बेर, मुनगा आदि के पौधों का रोपण किया गया था।
शुरू से ही लग रहे हैं घोटाले के आरोप
सरकार के इस वृक्षारोपण पर शुरुआत से ही गंभीर सवाल खड़े होते रहे हैं और इस मामले को लेकर विपक्ष बीते सात साल से लगातार उठा रहा है। वर्ष 2019 में कांग्रेस की सरकार के दौरान इस मामले को तत्कालीन कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और संजीव सिंह ने ध्यानाकर्षण  के माध्यम से उठाते हुए कहा था कि 2 जुलाई 2017 को एक दिन मैं 7 करोड़ पौधरोपण करने का पूर्व सरकार ने दावा किया था, लेकिन कई जगहों पर गड्ढे ही नहीं खोदे गए और पौधरोपण के नाम पर करोड़ों के फर्जी भुगतान कर दिया गया। कांग्रेस विधायकों ने मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि सरकार मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की भी भूमिका की जांच होनी चाहिये। जवाब में वित्त मंत्री ने मामले में सभी संबंधित मंत्रियों के साथ मिलकर जांच कराने की घोषणा की थी।
आधे पौधे ही जीवित बचे
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और विधायक मधु भगत के प्रश्न पर वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश में जितने पौधे रोपे गए हैं, उसमें से आधे ही जीवित हैं। वन विभाग के अनुसार 2 जुलाई 2017 को कुल रोपित पौधों की संख्या 33237026 हैं। इनमें से जीवित पौधों की संख्या 17093717 और मृत पौधों की संख्या 15320594 है। वहीं कैम्पा फंड से रोपित पौधे 7492958, विभागीय मद से 25050213 और योजनाओं से 693855 पौधे रोपे गए।

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