जिलाध्यक्षों के उम्र बंधन पर टकराव

भाजपा संगठन चुनाव
  • आज दिल्ली में तय होगी गाइडलाइन

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा संगठन चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं। अब तीसरे चरण में जिलाध्यक्षों का चुनाव होना है। लेकिन जिलाध्यक्षों की उम्र को लेकर पार्टी में रार हो रही है। इसको देखते हुए आज दिल्ली में बैठक होने वाली है। सूत्रों का कहना है कि आज की बैठक में जिलाध्यक्ष के लिए गाइडलाइन तय की जाएगी। भाजपा ने मंडल अध्यक्ष के लिए 1 से 15 दिसम्बर की तारीख तय की थी, इसके बाद 16 दिसंबर से 31 दिसंबर के मध्य जिला अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की जानी थी, लेकिन अब आज दिल्ली में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव को लेकर होने वाली बैठक में गाइड लाइन तय होने के बाद जिला अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इसके लिए पार्टी ने 60 वर्ष की आयु का क्राइटेरिया तय किया है।
गौरतलब है कि भाजपा के संगठन पर्व के अंतर्गत संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जारी है। पार्टी ने अभी तक मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब जिला अध्यक्ष के लिए दिल्ली में आज होने वाली बैठक के बाद गाइडलाइन तैयार होगी। मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन में क्राइटेरिया से बाहर के लोगों के चयन और समन्वय न बनाने को लेकर कार्यकर्ताओं व पार्टी के नेताओं में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। कई जगह के नेताओं का आरोप है कि बिना किसी से समन्वय बनाए कई मंडलों के अध्यक्ष बना दिए गए हैं। इनकी नियुक्ति को लेकर अब अपील समिति में शिकायतें आ रही हैं। प्रदेश कार्यालय में गत दिवस  हुई पार्टी की अपील समिति की बैठक में प्रदेश भर से मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है। पार्टी कार्यालय में अपील समिति के सदस्य वेदप्रकाश शर्मा से कई जिलों के नेताओं ने मुलाकात कर अपनी नाराजगी प्रकट की।
मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर आपत्ति
 शहडोल और दतिया जिले से भी कई लोगों ने मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर आपत्ति जताई। शहडोल जिले के जयसिंह नगर मंडल से निर्वाचित अध्यक्ष जयश्री काचेर के खिलाफ कई नेताओं ने वेदप्रकाश शर्मा से मुलाकात कर पार्टी द्वारा तैयार क्राइटेरिया से उनकी उम्र अधिक होने के दस्तावेज दिखाए। दतिया जिले की भांडेर विधानसभा के सभी चारों मंडल में हुई मंडल अध्यक्ष की निर्वाचन प्रक्रिया पर पूर्व विधायक  संत राम सिरोनिया ने सवालिया निशान लगाया है। उनका कहना था कि मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन में जो लोग निर्वाचित किए गए है, उनका पार्टी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा इनके निर्वाचन में आपसी समन्वय जैसी कोई बात ही नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति के कहने पर चारों मंडल के अध्यक्ष बना दिए गए हैं, और इसके खिलाफ वे अपील समिति के सामने अपना विरोध दर्ज कराने आए है।
वीडी फॉर्मूला रहा हिट
करीब पांच वर्ष पूर्व जब प्रदेश की कमान वीडी शर्मा को सौंपी गई थी , तो उन्होंने प्रदेश के कई जिलों में युवा चेहरों को जिला अध्यक्ष बनाया था, जो कि पार्टी आलाकमान के अगले बीस साल की भाजपा को तैयार करने के फार्मूले को लेकर बनाए गए थे। जिसमें सागर, भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों के जिला अध्यक्ष भी शामिल थे। इसके अलावा पार्टी संगठन में भी युवाओं को महत्व दिया गया। इसी तर्ज पर पार्टी ने अब मंडल और जिला अध्यक्ष के लिए उम्र का क्राइटेरिया तैयार किया है। सूत्रों की माने तो मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन में जो लोग क्राइटेरिया में नहीं आते हैं, तो उनको बाहर किया जाएगा।
संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
भाजपा महिला वोटर्स पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती। अब आगे संगठन चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। जिलाध्यक्ष के साथ ही संगठन में विभिन्न पदों पर महिलाओं को अधिक से अधिक अवसर देने की तैयारी चल रही है। वहीं भाजपा के संगठनात्मक जिलों में आरक्षण जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन पार्टी आरक्षित-गैर आरक्षित क्षेत्र में नया प्रयोग कर रही है। पार्टी नेताओं का विचार है कि आरक्षित क्षेत्रों में पंचायत से लेकर विधायक या सांसद तक के सारे पद आरक्षित रहते हैं। ऐसे में वहां सामान्य वर्ग के कार्यकर्ताओं के समायोजन के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है। यही वजह है कि पार्टी आरक्षित क्षेत्र (विधानसभा-लोकसभा) में आने वाले नगर-जिलों में सामान्य वर्ग और गैर आरक्षित क्षेत्रों में एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग को अवसर दिया जाए। ऐसा कर पार्टी समानता और सभी के सम्मान का संदेश देना चाहती हैं।

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