- नई परंपरा के ध्वजवाहक बने मुख्यमंत्री
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश सरकार ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। लंबे समय से चली आ रही इंदौर-केंद्रित ग्लोबल समिट की परंपरा को तोड़ते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री समिट का नवाचार किया है। इसके तहत, राज्य के विभिन्न हिस्सों में उद्योगपतियों को बुलाकर निवेश संभावनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पहल की शुरुआत उज्जैन से हुई, जिसे महाकाल नगरी के रूप में जाना जाता है। अब तक छह स्थानों पर समिट आयोजित की जा चुकी है, जिनमें उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा और नर्मदापुरम शामिल हैं।
यहां से सरकार को अब तक पौने तीन लाख करोड़ के निवेश मिले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिर्फ राज्य में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी निवेश आकर्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। नवंबर 2023 में यूके और जर्मनी की यात्रा के दौरान उन्होंने 78,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए। भोपाल के अचारपुरा में एक्सरे निर्माण कारखाने के लिए भूमि आवंटन जैसे कदमों से राज्य की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। इसके अलावा सीएम ने मुंबई, कोयंबटूबर, बैंगलुरु और कोलकाता में रोड शो के माध्यम से उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षित किया। यहां से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
पारदर्शिता रखना बेहद जरूरी
राजनीतिक विश्लेषकों का मध्य प्रदेश में निवेशक सम्मेलनों के आयोजन पर कहना है कि मध्य प्रदेश में निवेशक सम्मेलनों का आयोजन नया नहीं है, कई सालों से हो रहा है। वर्ष 2008 में सागर और ग्वालियर में निवेशक सम्मेलन किए गए थे। उनका कहना है कि हालांकि नर्मदापुरम और उज्जैन जैसे शहरों में यह पहली बार हो रहा है। उन्होंने सरकार से पारदर्शिता की अपेक्षा करते हुए कहा कि सरकार को जनता के सामने यह स्पष्ट आंकड़े प्रस्तुत करने चाहिए कि प्रदेश में पिछले वर्षों में कुल कितना निवेश आया है और नया कितना वाकई आएगा। कितने रोजगार के अवसर सृजित होंगे? साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदेश के स्थानीय व पुराने उद्योगों की समस्याओं का समाधान करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इससे न केवल निवेश का माहौल बढ़ेगा, बल्कि राज्य के उद्योगों को भी सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।
अब भोपाल में होगी ग्लोबल समिट
फरवरी 2025 में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपति भाग लेंगे। सरकार का लक्ष्य इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाना और लाखों रोजगार के अवसर सृजित करना है। इसके लिए
कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।
रीजनल समिट्स में आए निवेश प्रस्ताव और रोजगार अवसर
– उज्जैन: 1 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 1 लाख संभावित रोजगार।
– जबलपुर: 13,375 करोड़ निवेश, 13,000+ रोजगार।
– ग्वालियर: 8,000 करोड़ निवेश, 35,000 रोजगार।
– सागर: 23,000 करोड़ निवेश, 25,000 रोजगार।
– रीवा: 30,000 करोड़ निवेश, 22,000 रोजगार।
– नर्मदापुरम: 31,000 करोड़ निवेश, 40,000 रोजगार।
– शहडोल: 16 जनवरी को रीजनल इंवेस्टर्स समिट आयोजित होगी