कक्षाओं के लिए इंटर एक्टिव पैनल खरीदी का मामला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार ने देश के सभी सरकारी स्कूलों की कक्षाओं को स्मार्ट बनाने की नीति लागू की है। इसके तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में तब्दील करने की कवायद शुरू हुई है। इसके लिए एक अरब रूपए के इंटर एक्टिव पैनल की खरीदी की तैयारी चल रही है। लेकिन इसमें बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई है। इससे खरीदी विवादों में फंस गई है। विभाग के अफसरों पर आरोप है कि राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक द्वारा इस प्रक्रिया में छेड़छाड़ कर घटिया क्वालिटी का सामान खरीदने की तैयारी में है। इसके लिए एक विशेष कंपनी का चयन किया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में मनमानी कर की गई सौ करोड़ रुपए की खरीदी के मामले में घिरे स्कूल शिक्षा के अफसरों ने अब जिला स्तर पर कलेक्टरों को अधिकार दे दिए है। जिले में कलेक्टर इंटरैक्टिव पैनल की खरीदी के लिए नियमों में फेरबदल कर सकते हैं। इस संबंध में संचालक राज्य शिक्षा केंद्र हरजिंदर सिंह ने आदेश जारी कर दिए है। गौरतलब है कि इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल एक टच स्क्रीन डिस्प्ले होता है, जिसमें इंटरेक्टिव सॉफ्टवेयर होता है। इन पैनलों को दीवार पर लगाया जा सकता है या स्टैंड पर रखा जा सकता है। यह 55 इंच से लेकर 98 इंच तक के आकार में आते हैं। इंटर एक्टिव पैनल का इस्तेमाल शिक्षा, प्रेजेंटेशन, और अन्य कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
खरीदी के लिए एक समिति का गठन: केंद्र की मोदी सरकार ने देश के सभी सरकारी स्कूलों की कक्षाओं को स्मार्ट बनाने की नीति लागू की है। इसके तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में तब्दील करने की कवायद शुरू हुई है। स्मार्ट क्लासेस के लिए इंटर एक्टिव पैनल की खरीदी की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा केंद्र के पास है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इन पैनलों की खरीदी के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति का काम ऐसे मापदंडों का चयन करना था, जिससे गुणवत्तापूर्ण पैनलों की खरीदी की जा सके। विभिन्न जिला स्तरों पर निविदाएं आमंत्रित करने की अनुशंसा भी की गई। विभाग के अफसरों पर आरोप है कि राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक द्वारा इस प्रक्रिया में छेड़छाड़ कर घटिया क्वालिटी का सामान खरीदने की तैयारी में है।
ईओडब्ल्यू से की गई शिकायत
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य विजय शर्मा ने ईओडब्ल्यू से की गई शिकायत में लिखा है कि कक्षाओं में इंटर एक्टिव पैनल लगाने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपए की खरीदी की जा रही है। इस खरीदी के लिए जो टेंडर जारी किया गया, उसमें ऐसी शर्तें जोड़ी गई, जो किसी विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई। मल्टी नेशनल कंपनी सैमसंग और एसर जैसी कंपनी इस टेंडर की शर्तें पूरी नहीं कर सकीं। यही कारण है कि उक्त दोनों कंपनियों ने इस मामले की शिकायत स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से की। ईओडब्ल्यू ने 18 नवंबर 2024 को टेंडर से जुड़े मय दस्तावेजों के साथ राज्य शिक्षा केंद्र के अफसरों को तलब किया था। इसके बाद विभाग के अफसरों ने अब टेंडर की शर्तों में पूरक आदेश जारी किए है। मंगलवार को जारी आदेश में संचालक राज्य शिक्षा केंद्र हरजिंदर सिंह ने खरीदी में संशोधन के अधिकार जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति को दे दिए है।
अब कलेक्टरों को करना होगी खरीदी
संचालक राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी आदेश में कहा है कि समग्र शिक्षा अभियान की वर्ष 2024-25 की कार्ययोजना में 1960 माध्यमिक विद्यालयों ने दो-दो स्मार्ट क्लासरूम एवं 390 नेताजी सुभाषचंद्र बोस छात्रावासों में एक-एक स्मार्ट क्लासरूम तथा इस तरह कुल 4310 स्मार्ट क्लासरूम स्वीकृत किए गए हैं। राज्य कार्यकारिणी की बैठक 31 जुलाई 2024 के निर्णय पश्चात समग्र शिक्षा की राज्यस्तरीय क्रय समिति की बैठक 23 सितंबर 2024 में लिए गए निर्णय अनुसार उपरोक्त स्वीकृत स्मार्ट क्लास अंतर्गत इंटरैक्टिव पैनल की खरीदी कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति से जेम पोर्टल के माध्यम से संदर्भित पत्रानुसार करने के निर्देश दिए गए थे। राज्य स्तरीय क्रय समिति की बैठक 6 दिसंबर 2024 में लिए गए निर्णय अनुसार स्पष्ट किया जाता है कि राज्य स्तर से स्मार्ट क्लास (इंटरैक्टिव पैनल) हेतु संदर्भित पत्रानुसार जारी निर्देश के साथ स्पेसिफिकेशन एवं स्कोप ऑफ वर्क (अतिरिक्त टम्र्स एंड कंडीशन) का निविदा प्रारूप भेजा गया था।