- रिश्वतखोरी पर नकेल कसने की कवायद
- सालों से फंसी है घूस की रकम
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार नई व्यवस्था इसलिए लाने की तैयारी कर रही है कि लोगों द्वारा दी जाने वाली घूस की रकम ट्रैप के बाद सालों तक फंसी रहती है। जबलपुर में शहपुरा भिटौरी के अर्जुन साहू की जमीन का सीमांकन होना था। पटवारी ने 30 हजार रुपए मांगे। 20 हजार में सौदा हुआ। अर्जुन ने रुपए दिए और लोकायुक्त ने पटवारी को ट्रैप कर लिया। ये 20 हजार रुपए एक साल से फंसे हैं। अब तक अर्जुन को नहीं मिले। वहीं ग्वालियर नगर निगम के अफसर मनीष कनौजिया ने अनूप कुशवाह के मकान को अवैध बता कर तोडऩे का नोटिस दिया। 3 लाख घूस मांगी, 2 लाख में सौदा हुआ। 50 हजार घूस देते लोकायुक्त ने पकड़ा। 4 साल में केस नहीं खत्म हुआ, अनूप रुपए की वापसी का इंतजार कर रहा है।
शिकायतकर्ताओं को तत्काल मिलेगी ट्रेप की राशि
लोकायुक्त संगठन अब किसी पीडि़त की शिकायत पर किसी शासकीय सेवक को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ती है , तो जब्त राशि शिकायतकर्ता को तत्काल मिल जाएगी। क्योंकि लोकायुक्त पुलिस ट्रेप की जो राशि पकड़ती है वह आवेदक को खुद देनी पड़ती है, ऐसे में प्रकरण के निराकरण होने तक राशि फंस जाती है। अब आवेदक को राशि तत्काल मिल जाएगा। इसके लिए फंड बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। बाद में कोर्ट से मामले का निपटारा होने के बाद यह राशि विशेष निधि में पहुंच जाए। इस तरह राशि का आना-जाना बना रहेगा। लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि केस का निपटारा होने में औसतन 10 वर्ष लग जाते हैं। तब तक राशि शिकायतकर्ता को नहीं मिल पाती। यह राशि जब्ती में कोर्ट के अधीन रहती है। इसका कहीं उपयोग भी नहीं किया जा सकता। न ही शिकायतकर्ता को इस राशि का ब्याज मिल पाता है।