मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने रविवार को निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वे विधानसभा चुनावों को नतीजों को लेकर जनता की बढ़ती मांग पर ध्यान दें। पटोले ने मांग की कि मतपत्र से मतदान की व्यवस्था की जाए, क्योंकि विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर शक जताया जा रहा है।
नाना पटोले ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं। लेकिन यह नतीजे जनता के असली जनादेश को नहीं दर्शाता। उन्होंने कहा, लोगों में यह भ्रम है कि नई राज्य सरकार जनादेश को सही तरीके से प्रतिनिधित्व नहीं करती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के कई गांवों में यह मांग जोर पकड़ रही है कि चुनाव मतपत्र से किए जाएं। सोलापुर जिले के मारकडवाड़ी गांव में भी कुछ लोगों ने एक मॉक रिपोल करने की कोशिश की थी। जिसमें उन्होंने मतपत्र का उपयोग किया था। यह कदम ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए किया गया था।
नाना पटोले ने कहा, यह सार्वजनिक भावना केवल मारकडवाड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्रों के गांव-गांव में भी यह भावना मजबूत हो रही है। ग्रामसभाओं ने इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से इस मांग पर विचार करने का आग्रह किया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान प्रक्रिया में कुछ समस्याएं थीं और उन्होंने चुनाव आयोग से 76 लाख मतों के जुड़ने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा। पटोले ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया और कहा कि अगर इस प्रकार का असंतोष उठता है, तो इसे सुलझाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें देश में फिर से मतपत्र से मतदान कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा था कि जब लोग चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम में किसी प्रकार की छेड़छाड़ की बात नहीं उठती, लेकिन जब वे हारते हैं तो यह आरोप लगाए जाते हैं। पटोले ने इस मुद्दे को विधानसभा और सड़कों पर उठाने की बात भी की और कहा कि कांग्रेस इस जनादेश की मांग के लिए संघर्ष करेगी।