बैठक में देरी से आना अफसरों को पड़ा भारी

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  • अधिकारियों और कर्मचारियों को बैठना पड़ा बाहर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में नई मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने आमद के साथ ही लापरवाह अफसरों को संदेश दे दिया है कि अब उन्हें कार्यशैली बदलनी पड़ेगी। अब समय पर आना होगा और काम भी करना होगा। अन्यथा उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा।  दरअसल अपनी कार्यशैली से अलग पहचान बनाने वाली डॉ. सलोनी सिडाना को प्रियंका दास की जगह एनएचएम का नया एमडी पदस्थ किया गया है। अपने स्वभाव के मुताबिक सिडाना काम के प्रति काफी सजग हैं। वहीं एनएचएम में सालों से जमे अधिकारी लापरवाह होते जा रहे हैं। एनएचएम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नई मिशन संचालक ने 2 दिसंबर को अधिकारियों की सुबह 10 बजे बैठक बुलाई थी, लेकिन जब वह 10 बजे मीटिंग हॉल में पहुंची तो एक भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे। सिडाना हॉल में ही बैठी रहीं, इस दौरान कई अधिकारी आते रहे कई अधिकारी काफी लेट पहुंचे तो उन्हें बैठक में शामिल नहीं किया गया और बाहर रहने के लिए कहा गया। इसके बाद से एनएचएम के अधिकारियों में हडक़ंप मचा हुआ है। राष्ट्रीय स्वासथ्य मिशन में कई अधिकारी सालों से जमें हैं और कर्मचारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के काम में लगे है। अब ऐसे अफसरों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक कई अधिकारी और कर्मचारियों को डर सता रहा है कि कहीं उन्हें विभाग से हटा ना दिया जाए। जानकारी के अनुसार  संचालक डॉ.  सिडाना जल्द ही कई अधिकारियों के विभाग में बदलाव करेंगी और नई टीम के साथ काम करेंगी।
जाने कैसा रहा डॉ सलोनी सिडाना का कैरियर
डॉ. सलोनी सिडाना अपनी बेहद सरल और सादगी भरी कार्यशैली के लिए जानी जाती है। सलोनी सिडाना ने एमबीएएस की पढ़ाई की है। इसके बाद पिता के कहने पर यूपीएससी की तैयारी की और पहली बार में ही इसे क्रैक किया। डॉ सलोनी सिडाना अपनी करियर के साथ-साथ शादी को लेकर भी चर्चा में रही हैं। उन्होंने सादगी के साथ 500 रुपए में कोर्ट मैरिज की थी। डॉ सलोनी सिडाना के पति भी एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। डॉ सिडाना 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पहली बार में ही सलोनी सिडाना ने पूरे देश में 74वीं रैंक हासिल की थी। पहले उन्हें आंध्रप्रदेश कैडर मिला था। बाद में एमपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। सलोनी मध्यप्रदेश के कई जिलों में पदस्थ रही हैं। मंडला जिले में कलेक्टर रहते हुए अलग पहचान बनाई थी। अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे महत्वपूर्ण विभाग की मिशन संचालक के रूप में उनका कार्यकाल कैसा रहेगा यह देखना होगा।

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