गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। बुंदेलखंड अंचल का सागर जिला भाजपा का बेहद मजबूत गढ़ है। इसके बाद भी इस जिले के नेताओं के बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई समय-समय पर बाहर आ ही जाती है। दरअसल इस जिले में भाजपा के पास कई दिग्गज नेता हैं। इन नेताओं के बीच पटरी नहीं बैठने की वजह से इस तरह की स्थिति बनती है। हालत यह है कि जिले में भूपेन्द्र सिंह , गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता हैं। इनमें से जहां भूपेन्द्र व भार्गव मूल रूप से भाजपाई हैं तो गोविंद सिंह कांग्रेस से आए हुए नेता हैं। सरकार में गोविंद सिंह को अधिक तवज्जो मिलने से बाकी नेताओं में नाराजगी बढऩा स्वाभाविक है। गोविंद सिंह जिले के एक मात्र ऐसे विधायक हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। दूसरे दलों से आए नेताओं का महत्व मिलने से इन दिनों भूपेन्द्र सिंह नाराज चल रहे हैं। यही वजह है कि भाजपा से विधायक और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर में कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए जा चुके हैं। वे कह चुके हैं कि ऐसे लोगों को पार्टी स्वीकार करें, लेकिन मैं नहीं करूंगा। इसको लेकर सोमवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भूपेंद्र सिंह को कड़ा संदेश दिया है। वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा की नीति, नेतृत्व और कामों से प्रभावित होकर कोई पार्टी में शामिल हुआ है तो उसका संगठन स्वागत करता है। भाजपा में शामिल होने वाले लोग अब भाजपा के हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत किसी के कुछ विचार हो सकते हैं, लेकिन संगठन के नाते से भाजपा में आए लोग अब भाजपा की ताकत हैं। वह पार्टी के कार्यकर्ता हैं। पार्टी में शामिल होने वाले लोगों पर कोई संदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी को कोई व्यक्तिगत परेशानी है तो पार्टी फोरम पर चर्चा होती है। भाजपा में कभी कोई मनभेद नहीं होते। हम एक परिवार हैं और परिवार के नाते से ही काम करते हैं।
जनता भाजपा के साथ
वीडी शर्मा ने कहा कि बुधनी और विजयपुर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्येक बूथ पर तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय ही नहीं 365 दिन एवं 24 घंटे जनता की सेवा में काम करती है। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सहित पार्टी का पूरा नेतृत्व प्रत्येक बूथ पर चुनाव लड़ रहा है, इसलिए जनता का अपार स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के गरीब कल्याण की योजनाएं भाजपा की बड़ी ताकत है। बुधनी और विजयपुर उपचुनाव में विकास और गरीब कल्याण पर जनता की मोहर लगेगी। क्षेत्रों में विकास के नए आयाम जो खड़े किए हैं उसे लेकर जनता भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद दे रही है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर चुनाव लडऩे के जगह आरोप प्रत्यारोप की राजनीतिक का आरोप भी लगाया।
चर्चा में हैं गोपाल- भूपेंद्र की जोड़ी
खास बात यह भी है कि हाल फिलहाल में इन दोनों नेताओं की जोड़ी चर्चा में बनी हुई है। सागर में हुए इन्वेस्टर्स कानक्लेव में दोनों नेताओं की नजदीकियां चर्चा का विषय तब बनी, जब दोनों नेताओं को एक साथ कार में जाते देखा गया था। ऐसे में इस जोड़ी की चर्चा सबसे ज्यादा हुई है। क्योंकि जब दोनों मंत्री थे तो कई मौकों पर दोनों के बीच मनमुटाव की खबरें भी चलती रहती थी। लेकिन अब दोनों की दोस्ती से सियासी हलचल तेज है। यही वजह है कि मध्य प्रदेश के इन दो दिग्गजों की जोड़ी की चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है।
संगठन को मजबूत करने का उद्देश्य
वीडी शर्मा ने अपने बयान में कहा कि भाजपा ने एक रणनीति के तहत अन्य दलों से नेताओं को जोड़ा है, जिससे पार्टी को मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा के दरवाजे उन सभी के लिए खुले हैं जो पार्टी की विचारधारा और नीतियों से प्रभावित हैं। ऐसे नए नेताओं का स्वागत करके पार्टी ने अपने संगठन को और मजबूत बनाने का प्रयास किया है।
भूपेंद्र सिंह ने पूर्व कांग्रेस नेताओं पर साधा था निशाना
बता दें, भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले में आयोजित एक दीपावली मिलन समारोह के दौरान कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के प्रति नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों के कारण भाजपा कार्यकर्ता पहले परेशान हुए हैं, उन्हें वे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। इस दौरान उन्होंने खुरई के पूर्व कांग्रेस विधायक अरुणोदय चौबे और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर भी बिना नाम लिए निशाना साधा। इस बयान के बाद पार्टी में आंतरिक चर्चाएं शुरू हो गई थीं, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया और पार्टी में एकजुट रहने की अपील की।
भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव थे मंत्री
इस बार भाजपा की सरकार फिर से बनने के बाद से कई दिग्गज नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ चुकी है। दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी, लेकिन बीजेपी की नई सरकार में पिछली सरकार कई सीनियर विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया। भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव भी पिछली सरकार में कद्दावर मंत्री थे। दोनों का बुंदेलखंड के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में भी सीधा दखल था, लेकिन नई सरकार के गठन के बाद ऐसे कई मौके आए हैं, जब यह दोनों नेता वर्तमान के सियासी हालातों से सहज नजर नहीं आए।
12/11/2024
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