इंदौर सिविल सर्विस का चलन बंद किया जाए

इंदौर सिविल सर्विस
  • मुख्य सचिव ने विभाग प्रमुखों को दिया निर्देश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के बाद से ही अनुराग जैन एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। वे लगातार अधिकारियों के लिए नई-नई गाइड लाइन बनाते जा रहे हैं। अभी हालही में उन्होंने विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि प्रदेश में अब तक इंदौर सिविल सर्विस का जा चलन चल रहा था, उसे बंद किया जाए। यानी एक जगह पर लंबे समय से जमे अधिकारियों को हटाया जाए। गौरतलब है कि अनुराग जैन प्रदेश के उन आईएएस अफसरों में शामिल हैं, जो प्रशासनिक व्यवस्था में समाई भर्राशाही को भलिभांति से जानते हैं। इसलिए मुख्य सचिव का पद भार संभालने के साथ ही उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने प्रदेश में इंदौर सिविल सर्विस का चलन बंद करने का निर्देश विभाग प्रमुखों को दिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने विभाग प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करें और उनका तबादला कर अन्य जगह भी सेवा का अवसर दें। उन्होंने कहा कि इंदौर सिविल सर्विस का चलन लंबे समय से है, अधिकारी हो या बाबू, इंदौर में नौकरी ज्वाइन करता है और आसपास ही पदस्थापना पाकर इंदौर से ही सेवानिवृत्त हो जाता है। ऐसा हाल अन्य महानगरों का भी है।
आमजन को पूरा महत्व दें
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वे समस्या लेकर आने वाले आमजन से नम्र व्यवहार करें और उनकी पूरी बात सुनकर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास करें। उन्होंने यह भी बताया कि वे जब भोपाल के कलेक्टर थे तो मिलने आने वाले आमजन को बैठाकर उनकी पूरी बात तब तक सुनते थे, जब तक कि वह संतुष्ट न हो जाए। उनकी इस कार्यशैली का मजाक भी बनने लगा था, लेकिन उन्होंने आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए इस तरह का कार्य जारी रखा। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में कई समस्याओं पर असंतोष जताया है। उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए डॉक्टर सहित मेडिकल स्टाफ की नौकरी की शुरुआत गांव से करने पर जोर दिया।
मूल विभाग भेजे जाएंगे अधिकारी-कर्मचारी
सेवानिवृत्ति के छह माह पहले प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस भेजा जाएगा। मप्र स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी कार्यालयों को निर्देश जारी कर कहा है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर नेशनल हेल्थ मिशन, आयुष्मान भारत निरामय, सज्य एड्स कंट्रोल समिति ऑपाल, हेल्थ सर्विसेज कारपोरेशन, राज्य स्वास्थ्य सूचना शिक्षा संचार ब्यूरो एवं अन्य संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है, लेकिन अब इन सरकारी सेवकों को सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व प्रतिनियुक्ति से वापस अपने मूल विभाग में लौटना होगा ताकि उनकी पेंशन एवं अन्य स्वत्वों का समय रहते निराकरण किया जा सके। ऐसा न होने पर प्रतिनियुक्ति स्थल पर ही सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन आदि के प्रकरणों के निपटारे में कठिनाई होती है, क्योंकि उनका यूनिक एम्पलाई कोड संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं से प्रतिनियुक्ति वाले स्थल के डीडीओ जाता है।

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