विधायकों के बाद अब पदाधिकारी बने पटवारी के लिए मुसीबत

  • नेतृत्व पर भी उठ रहे गंभीर सवाल
पटवारी

विनोद उपाध्याय
पहले पार्टी के विधायकों के दलबदल करने की वजह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए और अब करीब नौ माह बाद घोषित हुई प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी ने प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। हालत यह है कि उनकी टीम के पदाधिकारी एक के बाद एक इस्तीफा दे रहे हैं। पटवारी की पहले घोषित टीम में कुल 177 नेताओं को जगह दी गई थी, जिसके बाद तेजी से असंतोष उभरने लगा था। इस स्थिति को देखते हुए 158 पदाधिकारियों की दूसरी सूची भी जारी कर दी गई। इस सूची में तमाम उन नेताओं के नाम शामिल किए गए हैं, जिनकी नाराजगी संभावित थी। इसके बाद भी पार्टी नेताओं में नाराजगी कम तो नहीं हुई, बल्कि तीन और पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। पार्टी के नवनियुक्त पदाधिकारियों के इस्तीफों से जीतू पटवारी की क्षमता पर प्रश्न खड़े होने लगे है। कांग्रेस पदाधिकारियों की दूसरी सूची मंगलवार को जारी होते ही एक महिला नेता सहित तीन सचिवों और एक संयुक्त सचिव द्वारा पद को ठुकराया जा चुका है। इनमें भोपाल कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष मोनू सक्सेना, इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमन बजाज और सतना जिले की रैगांव विधानसभा की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा भी शामिल हैं। इसी तरह से मुरैना के नेता राम लखन दंडोतिया संयुक्त सचिव बनाए जाने से नाराज हो गए। उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से कहा कि आपका ये अहसान ब्याज समेत लौटाऊंगा। इसके पहले पहली सूची जारी होते ही कांग्रेस नेता प्रमोद टंडन तो पार्टी से इस्तीफा तक दे चुके हैं। भोपाल कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष रहे प्रदीप सक्सेना उर्फ मोनू को जीतू पटवारी की टीम में सचिव बनाया गया है। मोनू ने सचिव पद लेने से इनकार करते हुए सोशल मीडिया पर इस्तीफा दिया है। मोनू लिखा है कि मैं कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता रहा और रहूंगा आपके द्वारा मुझे प्रदेश कांग्रेस में सचिव जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है। मैं पूरे समय पार्टी की विचारधारा के लिए काम करता हूं। इसलिए मेरे स्थान पर पार्टी के अनुभवी युवा साथी को पदस्थ कर पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का अवसर रहकर दें। इसी तरह से इंदौर शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष रहे अमन बजाज ने जीतू पटवारी की टीम का पद ठुकराते हुए लिखा है कि मैं पूर्व में भी प्रदेश कांग्रेस का पदाधिकारी रह चुका हूं। नए लोगों को अवसर देने का कष्ट करें। इसी तरह से पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि मुझे प्रदेश सचिव का दायित्व सौंपे जाने से मैं आपका दिल से आभार व्यक्त करती हूं। मैं पूर्व में संगठन के विभिन्न पदों पर एवं रेंगाव विस क्षेत्र से विधायक रह चुकी हूं। अत: मैं समझती हूं कि प्रदेश सचिव का पद मेरी विधानसभा के किसी ऐसे कर्मठ कार्यकर्ता को दिया जाए जो सालों से निष्ठापूर्वक सेवा कर रहे हैं।
तीन विधायक कर  चुके हैं अलविदा
प्रदेश कांग्रेस की कमान जीतू पटवारी को मिलने के बाद पार्टी के तीन विधायकों ने कांग्रेस किनारा कर लिया था। अलग-अलग समय पर हुए दल बदल की वजह से पटवारी की संगठन क्षमता पर पहले ही गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं।
दंडोतिया डिमोशन से नाराज
प्रदेश कांग्रेस में संयुक्त सचिव बनाए गए राम लखन दंडोतिया की नाराजगी इससे समझी जा सकती है कि, उन्होंने लिखा है कि दूसरी सूची में मुझे सहायक सेक्रेटरी बनाया है। मुझसे इस बारे में बात नहीं की गई। अगर पहले बताया होता तो मैं मना कर देता। शायद पटवारी को नहीं मालूम होगा कि 2022 में कमलनाथ की एआईसीसी लिस्ट में 78वें नंबर पर मेरा नाम अंकित है। मुझे जनरल सेक्रेटरी बनाया गया था। 2017 में दीपक बावरिया, अरुण यादव ने मुझे उस समय सेक्रेटरी बनाया था। इस समय सहायक सचिव बनाकर मेरे सम्मान को ठेस पहुंचाई है। मैं नहीं चाहता कि मैं पद लेकर घर बैठा रहूं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के लिए साधारण कार्यकर्ता के रूप में मैं पूरी निष्ठा से काम करूंगा। मैं 12 दिनों से विजयपुर के वीरपुर सेक्टर में काम कर रहा था। अब वापस घर आ गया हूं। अब दिवाली है तो दो चार दिन घर पर कार्यकर्ताओं से बात करूंगा। उसके बाद आगे की रूपरेखा तय होगी। ये जिले के नेताओं का षडय़ंत्र नहीं हैं। जहां हाकिम बेदर्द हो वहां फरियाद क्या करना है।

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