जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी पूजता है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के एक दिवसीय दौरे पर हैं। शनिवार की सुबह नांदेड़ एयरपोर्ट पर भाजपा नेता अशोक चह्वाण ने उनका स्वागत किया। यहां से उन्होंने हेलीकॉप्टर से पोहरादेवी के लिए उड़ान भरी। पोहरादेवी पहुंचकर उन्होंने जगदंबा माता मंदिर में पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी ने संत सेवालाल महाराज और पोहरादेवी में संत रामराव महाराज की समाधि पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की और बंजारा विरासत म्यूजियम का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने यहां एक रैली को भी संबोधित किया। इस रैली में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के मौके उन्हें पर माता जगदम्बा के मंदिर में उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। बंजारा समाज को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है।

बंजारा समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज नवरात्रि में मुझे माता जगदम्बा के मंदिर में उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। मैंने संत सेवालाल महाराज और संत रामराव महाराज की समाधि पर जाकर उनका आशीर्वाद भी लिया है। मैं इन दोनों महान संतों को शीश झुकाकर नमन करता हूं। आज महान योद्धा और गोंडवाना की रानी दुर्गावती जी की जन्म जयंती भी है। पिछले वर्ष देश ने उनकी 500वीं जयंती मनाई थी, मैं रानी दुर्गावती को भी नमन करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, नवरात्रि के पवित्र समय में मुझे अभी पीएम किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी करने का अवसर मिला है। देश के साढ़े नौ करोड़ किसानों के खातों में आज 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक ट्रांसफर किए गए हैं। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, महाराष्ट्र की डबल इंजन की सरकार तो यहां महाराष्ट्र के किसानों को डबल फायदा पहुंचा रही है। नमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना के तहत महाराष्ट्र के 90 लाख से ज्यादा किसानों को करीब 19 सौ करोड़ रुपए दिए गए हैं।

बंजारा विरासत म्यूजम के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं आप सभी को बंजारा विरासत म्यूजियम की बधाई देता हूं। जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी पूजता है। मारे बंजारा समाज ने भारत के सामाजिक जीवन में, भारत की निर्माण यात्रा में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। हमारे बंजारा समाज ने ऐसे कितने ही संत दिये, जिन्होंने भारत की आध्यात्मिक चेतना को असीम ऊर्जा दी। पीढ़ी दर पीढ़ी, सैकड़ों-हजारों वर्षों से ये समुदाय भारत की संस्कृति और परम्पराओं को सहेजता और संवारता आया है।

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