अब बीमित उडऩ खटोले से उड़ान भरेगी सरकार

उडऩ खटोले

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बगैर बीमा के उड़ रहे हवाई जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने से सबक लेते हुए प्रदेश की  डॉ. मोहन सरकार ने अपने 13 साल पुराने  उड़नखटोला यानि की हैलीकाफ्टर का बीमा कराने का तय किया है। इसके बीमा पर सरकार को कई करोड़ का प्रीमियम भरना होगा। इसके लिए संबंधित विभाग द्वारा टेंडर भी जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि करीब चार साल पहले कोविड के समय बिना बीमा के उड़ाए जा रहे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से सरकार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। यही वजह हेै कि अब सरकार ने अपने एकमात्र हैलीकाफ्टर का बीमा कराया जाना तय किया है।  
 प्रदेश सरकार के पास फिलहाल अपना इकलौता ईसी 155 बी 1 हेलीकॉप्टर है। इस हेलीकॉप्टर को प्रदेश सरकार ने 2011 में खरीदा था। 2 प्लस 6 यानी कुल 8 पैसेंजर कैपिसिटी वाले इस हेलीकॉप्टर का सरकार ने 18 अक्टूबर 2023 को आखिरी बार बीमा कराया था। जिसका इस साल भी बीमा कराया जा रहा है। इसके लिए बीमा कंपनियों से 11 अक्टूबर तक ऑफर बुलाए गए हैं। इसमें बीमा कंपनियों को हेलीकॉप्टर के किसी भी प्रकार से दुर्घटनाग्रस्त होने, हाईजैक या फिर आतंकी हमले में नुकसान होने पर भी कंपनियों को इसके नुकसान की भरपाई करनी होगी। सरकार द्वारा जारी की गई शर्तों में कहा गया है कि रिस्क के तहत संबंधित बीमा कंपनी को एयरक्राफ्ट के फिजिकल लॉस या डैमेज को भी कवर करना होगा।
हवाईजहाज हो चुका है बर्बाद  
बिना बीमा का प्लेन उड़ाने का खामियाजा सरकार पहले ही भुगत चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा 2019 में 7 सीटों वाले बीच क्राफ्ट किंग विमान को 65 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत में खरीदा था. यह विमान कोरोना काल में 6 मई 2021 को ग्वालियर रनवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस वक्त विमान अहमदाबाद से रेमडेसिविर के 71 बॉक्स लेकर लौट रहा था। इस विमान को उड़ाने के पहले बीमा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। दुर्घटना के बाद विमान में हुए नुकसान का आंकलन करीबन 60 करोड़ रुपये किया गया। बाद में यह विमान कबाड़ हो गया।
किराए के विमान से चल रहा काम
मध्य प्रदेश सरकार के पास इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कोई विमान नहीं है। सरकार इसके बाद से ही किराए के विमान में उड़ान भरती है. हालांकि अब प्रदेश सरकार अपना नया उडऩ खटोला बॉम्बार्डियर चैलेंजर 3500 खरीदने जा रही है। इसके लिए प्रदेश की कैबिनेट से इसकी मंजूरी हो चुकी है. नया विमान 233 करोड़ रुपये में खरीदा जा रहा है। 8 सीटर कनाडाई कंपनी के इस विमान को करीबन 20 माह का वक्त लेगा। यानी प्रदेश सरकार को वीवीआईपी विमान के लिए अभी डेढ़ साल का इंतजार और करना होगा, तब तक मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को किराए के विमान में ही उड़ान भरनी होगी।

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