- उत्पादन व मांग में 737 मेगावॉट का अंतर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लगातार बिजली उत्पादन में वृद्धि के प्रयास जारी है, परिणामस्वरुप 2344 मेगावॉट बिजली का उत्पादन बढ़ा भी है, लेकिन यह भी नाकाफी साबित हो रहा है। इसकी वजह है उत्पादन की तुलना में मांग में भी लगातार वृद्धि हो रही है। यही वजह है कि बीच-बीच में सरकार को दूसरे प्रदेशों या फिर केन्द्र सरकार से अधिक बिजली लेनी पड़ती है।
अगर अधिकृत आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले पांच साल में बिजली उत्पादन में 2344 मेगावॉट की वृद्धि की गई है। लेकिन इसी अवधि में मांग में का इजाफा हुआ है, लेकिन मांग में भी 3081 मेगावॉट की वृद्धि हुई है। इसकी वजह से मांग 14089 से बढक़र 17170 मेगावॉट तक पहुंच गई। इस साल बिजली की मांग 18 हजार मेगावॉट तक पहुंचने की संभावना बनी हुई है। यह आंकड़े ऊर्जा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के हैं।
प्रदेश में बिजली खपत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। गर्मी के दिनों में प्रदेश में बिजली की किल्लत भी आ जाती है। इससे बिजली कटौती भी शुरू हो जाती है। इससे अब पॉवर जनरेशन कंपनी उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। ऐसे में थर्मल पॉवर स्टेशन में खराबी आने से उत्पादन प्रभावित भी होता है। वर्ष 2018-19 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 14089 मेगावॉट थी। साल 2022-23 में यह डिमांड बढक़र 17170 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। इन पांच साल में जितनी डिमांड बड़ी, उत्पादन उससे कम हुआ। साल 2018- 19 में प्रदेश में बिजली की उत्पादन क्षमता 19841 मेगावॉट थी। मार्च 2023 तक उत्पादन क्षमता 21185 मेगावॉट तक पहुंची। इस अवधि में उत्पादन कम हुआ। डिमांड इससे ज्यादा बढ़ गई। इसको देखते हुए सोलर उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में कई सोलर प्लांट स्थापित हो रहे हैं।
प्रति व्यक्ति मांग में भी वृद्धि
आंकड़े बताते है कि प्रदेश में बिजली की प्रति व्यक्ति डिमांड भी हर साल बढ़ रही है। पिछले पांच साल में प्रति प्रति व्यक्ति बिजली की डिमांड 1095 किलोवॉट घंटे से बढक़र 1280 किलोवॉट घंटे हो गई है। बिजली का मूल्यांकन करने के लिए प्रति व्यक्त्ति खपत को भी मापा है। बिजली खापत लगातार बढऩे से डिमांड बढ़ रही है। लगातार डिमांड बढ़ने के बाद भी बिजली बेची जा रही है। पिछले सालों की तुलना में 7.98 फीसदी अधिक बिजली बेची गई। साल 2018-19 में 50311 मिलीयन यूनिट बिजली बेची गई थी। साल 2022- 23 में 67682 मिलीयन यूनिट बिजली बेची गई।
बीते साल दिसंबर 2023 की स्थिति में
मप्र जनरेटिंक कंपनी के ताप विद्युत ग्रह से 4570 मेगावाट
मप्र जनरेटिंक कंपनी के जल विद्युत ग्रह से 922 मेगावाट
संयुक्त क्षेत्र के जल विद्युत गृह और अन्य से 2484.13 मेगावाट
केंद्रीय क्षेत्र के ताप विद्युत गृह 5085 मेगावाट
दामोदर घाटी विकास निगम के ताप विद्युत गृह 100 गेवावॉट
नवकरणीय ऊर्जा स्रोत 5277 मेगावाट
निजी क्षेत्र के ताप विद्युत गृह 3402 मेगावाट
कुल बिजली उत्पादन क्षमता 21840 मेगावाट