- मो. सुलेमान मुख्य सचिव की दौड़ से हुए बाहर…
- गौरव चौहान
मुख्य सचिव वीरा राणा का छह माह का एक्सटेंशन 30 सितम्बर को खत्म हो जाएगा। ऐसे में प्रदेश के अगले मुख्य सचिव के लिए कयासों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच नए मुख्य सचिव के लिए 15 सितम्बर तक नाम सामने आने के कयासों के बीच मोहन यादव सरकार ने अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान को मंत्रालय के बाहर पदस्थ कर दिया है। अब वे कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि राजेश राजौरा प्रदेश के मुख्य सचिव बन सकते हैं। मुख्य सचिव वीरा राणा का छह माह का एक्सटेंशन तीस सितम्बर को खत्म होने वाला है। यह भी माना जा रहा है कि अब उन्हें एक्सटेंशन नहीं दिलाया जाएगा। ऐसे में नए मुख्य सचिव के नाम पर 15 सितम्बर तक मुहर लगने की उम्मीद है। इस दौड़ में सबसे आगे केंद्र में पदस्थ अनुराग जैन और मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा का नाम है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार शायद ही अनुराग जैन को मप्र भेजे। ऐसे में राजौरा नए मुख्य सचिव के लिए सबसे बड़े दावेदार हैं। अन्य दावेदारों में एसएन मिश्रा, विनोद कुमार, जेएन कंसोटिया हैं। विनोद कुमार पहले से मंत्रालय से बाहर हैं, इसलिए वे भी दौड़ में शामिल नहीं रह गए हैं। एसएन मिश्रा का जनवरी 2025 में रिटायरमेंट है। इसलिए दौड़ में होने के बाद भी संभावना कम जताई जा रही है।
…तो राजौरा का नाम सबसे आगे
मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदा पदस्थापना और राज्य शासन द्वारा हाल में कुछ अधिकारियों को मंत्रालय से बाहर पदस्थ करने के फैसले से साफ है कि यदि दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन (1989) नहीं लौटे, तो फिर 1990 बैच का आईएएस ही अगला मुख्य सचिव हो सकता है। जिसमें मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (1990) और इसी बैच के ही अपर मुख्य सचिव गृह शिवनारायण मिश्रा में से किसी एक के नाम पर मुहर लगेगी। इनमें से राजौरा मई 2027 और मिश्रा जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। प्रशासनिक व्यवस्था में ऐसी परंपरा है कि जब किसी जूनियर अधिकारी को प्रशासनिक मुखिया बनाया जाता है, तब वरिष्ठ अधिकारियों को मंत्रालय से बाहर पदस्थ कर दिया जाता है। प्रदेश सरकार ने नए मुख्य सचिव के फैसले से पहले ही यह तय कर दिया है। जिसमें मप्र में पदस्थ 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान को कर्मचारी चयन बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर मंत्रालय से बाहर कर दिया है। जबकि इसी बैच के आईएएस विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया पहले से ही मंत्रालय से बाहर हैं। विनोद कुमार जनजाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के संचालक है। जबकि कंसोटिया प्रशासनिक अकादमी के महानिदेशक है। 1989 बैच के दो अधिकारी अनुराग जैन और आशीष उपाध्याय दिल्ली में पदस्थ है। जिनमें से उपाध्याय इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
राजौरा इसलिए पहली पसंद
मुख्य सचिव वीरा राणा को इकबाल सिंह बैस के बाद प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया था। उनका कार्यकाल 31 मार्च तक था, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार की अनुशंसा पर केन्द्र सरकार ने उनका कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ा दिया था, अभी 30 सितंबर तक उनका कार्यकाल है। इसके पहले प्रदेश में नए मुख्य सचिव की रेस शुरू हो गई है। इस रेस में सबसे आगे प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी राजेश राजौरा हैं। उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही उनका अगला मुख्य सचिव बनाया जाना तय माना जा रहा है। राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सबसे पसंदीदा अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य सचिवों को संभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तो उनमें राजौरा को उज्जैन संभाग का जिम्मा सौंपा था। उनकी प्रशासनिक क्षमता जबरदस्त है। लंबे समय से गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे राजौरा इंदौर, उज्जैन, बालाघाट, धार आदि जिलों में जमीनी काम कर चुके हैं।
अगले हफ्ते केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय जाएंगे नाम
मप्र में अगले मुख्य सचिव के लिए कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश की वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा इसी महीने 30 सितंबर को अपना 6 महीने का अतिरिक्त कार्यकाल पूरा कर रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने नए मुख्य सचिव के लिए फाइल चला दी है। संभवत: अगले हफ्ते फाइल केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय दिल्ली के लिए रवाना कर दी जाएगी। हाल में राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल कर ज्यादातर को मंत्रालय से बाहर पदस्थ कर दिया है। ऐसे में 1990 बैच के आईएएस अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के लिए मुख्य सचिव की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता साफ दिखाई दे रहा है। इसी बैच के ही अपर मुख्य सचिव गृह शिवनारायण मिश्रा भी मुख्य सचिव के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। आईएएस कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान (1989) को मंत्रालय के बाहर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष का प्रभार सौंपा। साथ ही नए मुख्य सचिव की फाइल भी आगे बढ़ा दी है। जिसे अगले हफ्ते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुमोदन के बाद फाइल दिल्ली भेजा जाएगा। हालांकि अगला प्रशासनिक कौन होगा, इसको लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से आदेश जारी होने के बाद नए मुख्य सचिव के नाम का फैसला होगा। उल्लेखनीय है कि 1988 बैच की वीरा राणा 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। उनका 6 महीने का कार्यकाल बढ़ाया गया था, जो 30 सितंबर को पूरा हो रहा है। ऐसे में 1 अक्टूबर को प्रदेश को नया प्रशासनिक मुखिया मिलेगा।