10 सितंबर को मिल सकते हैं आधा दर्जन नए सूचना आयुक्त

सूचना आयुक्त
  • 5 माह से बंद है आयोग में सुनवाई, आयुक्तों के कमरों में लटके हैं ताले

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया तो आखिर जिम्मदारों को सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की याद आ गई। अब 11 माह बाद 10 सितंबर को बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि बैठक में छह नामों का चयन किया जा सकता है। सूचना आयोग के मामले में लापरवाही ऐसी है की बीते पांच माह से उसमें एक भी सूचना आयुक्त नहीं है। यही वजह है कि बीते पांच माह से आयोग में सूचना आयुक्तों के कमरों के ताले भी नहीं खुले हैं। इसकी वजह से अपीलार्थी परेशान होकर भटक रहे हैं। उधर इससे सूचना के अधिकार का भी मजाक बन रहा है। इसकी वजह से अब तक करीब 15 हजार से अधिक अपीलें लंबित हो चुकी हैं। इन हालातों की वजह से जबलपुर के अधिवक्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की अब अगली सुनवाई 23 सितंबर को होनी है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के 10 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सभी पदों पर नियुक्त आयुक्त के सेवानिवृत हो जाने के बाद सरकार द्वारा नियुक्ति ही नहीं की जा रही है, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पिछले 3 सालों में 3 बार विज्ञापन जारी कर सूचना आयुक्त के पदों पर आवेदन मंगा चुका है, लेकिन उसके बाद भी नियुक्तियां नहीं की गई, जिससे राज्य सूचना आयोग अब लगभग बंद पड़ा हुआ है।  सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 15 के प्रावधान अनुसार राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की जाती है, जिसमे नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री द्वारा नामित एक अन्य कैबिनेट मंत्री भी समिति में शामिल होते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने आयुक्तों की नियुक्ति के लिए मार्च में आवेदन बुलाए थे। 10 आयुक्तों के पद के विरुद्ध करीब 160 आवेदन आए हैं। इसी तरह मुख्य सूचना आयुक्त के लिए करीब 55. आवेदन आए हैं। आवेदन बुलाए जाने के बाद सरकार ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है।
15 हजार आवेदन पेंडिंग
सूचना आयोग कार्यालय में करीब 15 हजार आवेदन पेंडिंग हो गए हैं। कई अपीलों की सुनवाई साल 2021 से नहीं हुई है। मार्च 2024 तक 9 हजार अपीलें पेंडिंग थीं और मुख्य सूचना आयुक्त और एक सदस्य का मार्च में कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद 6 हजार अपील और बढ़ गईं। इसके बाद से सरकार इन पदों पर नियुक्ति नहीं कर पाई है। इससे अपीलों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तो हाईकोर्ट ने भी सरकार से जवाब मांग लिया है।
पांच साल पहले हुई थी अंतिम नियुक्ति  
आयोग में अंतिम नियुक्ति मार्च 2019 में की गई थी। तब 30 मार्च 2019 को मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला और सूचना आयुक्त राहुल सिंह की नियुक्ति की गई थी। उनका भी कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसके बाद से ही कोई नियुक्ति नहीं की गई है। सूचना आयोग में मख्य सूचना आयुक्त का 1 और सूचना आयुक्तों के 10 पद हैं। सितंबर 2023 में 3 पद भरे थे, जो मार्च 2024 में रिक्त हो गए। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत अपीलों का निपटारा करने के लिए 180 दिन की समय सीमा निर्धारित है।
बैठक बुलाई, लेकिन नहीं हो सकी नियुक्ति
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पिछले साल शिवराज सरकार ने भी ऑनलाइन आवेदन बुलाए थे। नियुक्ति के लिए बीतेक साल 9 अक्टूबर को बैठक बुलाई थी, इसी दिन विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना था। आनन-फानन में बुलाई गई बैठक को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने सवाल उठाए थे और बैठक की सूचना नहीं होने पर बैठक में उपस्थित नहीं होने की बात कही थी। यही नहीं उनके द्वारा सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि अवैधानिक रूप से नियुक्तियां की तो वे उसके खिलाफ न्यायालय जाएंगे। हालांकि सरकार ने बैठक को निरस्त कर दिया था। 

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