मुख्य सचिव के लिए… राजौरा या कोई और

  •  राजौरा का नाम लगभग तय, मिश्रा भी दौड़ में शामिल
  • गौरव चौहान
राजौरा

प्रदेश का अगला प्रशासनिक मुखिया कौन होगा, इसको लेकर प्रशासनिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। मौजूदा  मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। यानि की अब उनका एक माह का ही कार्यकाल ही बचा है। नए प्रशासनिक मुखिया के लिए वरिष्ठता के लिहाज से मुख्य सचिव की दौड़ में 1989 बैच के आईएएस अनुराग जैन को सबसे आगे माना जा रहा है, लेकिन वे अभी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में पदस्थ हैं। अगर जैन की प्रदेश वापसी नहीं होती है, तो फिर 1990 बैच के किसी अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया जाना तय है। इस बैच के जिन दो अफसरों के नाम इस पद के लिए प्रमुखता से सामने आ रहे हैं, उनमें अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा शामिल हैं। हालांकि सीएस पद की दौड़ में 1989 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद सुलेमान भी शामिल हैं। लेकिन, वे अब इस दौड़ में पिछड़ते नजर आ रहे हैं।  दरअसल,मुख्य सचिव वीरा राणा मार्च में रिटायर्ड हो गई थीं, लेकिन उन्हें सरकार ने छह माह का एक्सटेंशन दे दिया था। इसकी वजह थी लोकसभा चुनाव होना। हालांकि अभी फिर से संभावना बनी हुई है कि उन्हें एक बार फिर से छह माह के लिए और कार्यकाल दिया जा सकता है। हालांकि अब तक सरकार ने इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की है, जिससे माना जा रहा है कि अब किसी नए अधिकारी को मुख्य सचिव की कमान दी जाएगी। वीरा राणा, इकबाल सिंह बैंस के बाद लगातार दूसरी ऐसी मुख्य सचिव है, जिन्हें एक्सटेंशन मिला था। बैंस को छह- छह महीने का दो बार एक्सटेंशन मिला था। अनुराग जैन अभी दिल्ली में केंद्रीय भूतल परिवहन विभाग में सचिव के पद पर पदस्थ हैं। उनके मुख्य सचिव बनने की चर्चा छह महीने पहले भी जोर-शोर से चली थी, लेकिन वीरा राणा को एक्सटेंशन मिलने के बाद इस पर विराम लग गया था। अब एक बार फिर उनका नाम चर्चा में है। 1989 बैच के आईएएस अनुराग जैन की गिनती बेहतरीन अफसरों में होती है। वे भोपाल कलेक्टर समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं। उनके बाद जिस नाम की सर्वाधिक चर्चा है, वे हैं अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा। डॉ. राजौरा की गिनती बेहद योग्य और अनुभवी अफसरों में होती है। उन्हीं के बैच के एसएन मिश्रा का नाम भी सीएस बनने की दौड़ में शामिल है। मिश्रा वर्तमान में अपर मुख्य सचिव गृह के पद पद पदस्थ हैं। हालांकि 1989 बैच के अफसर मोहम्मद सुलेमान भी वरिष्ठता के हिसाब से इस पद की दौड़ में स्वाभाविक रूप से शामिल हैं, पर कुछ समय पहले हुए प्रशासनिक फेरबदल में उन्हें चार साल तक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव पदस्थ रहने के बाद अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण पद कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया गया है, इससे उनकी मुख्य सचिव बनने की संभावनाएं कम हुई हैं।
एक और प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी
राज्य शासन ने अगस्त में चार अलग-अलग आदेश जारी कर कुल 57 आईएएस अफसरों की नई पदस्थापना की है। खास बात यह है कि इस प्रशासनिक फेरबदल में सिर्फ 8 जिलों के कलेक्टर बदले गए। इनके अलावा जिन अधिकारियों की नई पदस्थापना की गई, उनमें अधिकतर मंत्रालय में पदस्थ अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तमर के अधिकारी शामिल थे। इस दरमियान ऐसी भी स्थिति बनी, जब 24 घंटे के अंदर प्रमुख सचिव वित्त को बदल दिया गया। सीएम सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक 31 अगस्त के बाद आईएएस अफसरों की एक और तबादला सूची जारी होगी। इस प्रशासनिक सर्जरी में 10 से ज्यादा जिलो में कलेक्टरों की नई पदस्थापना की जाएगी। सीएम सचिवालय के अधिकारियों व मुख्य सचिव वीरा राणा की आईएएस अफसरों की नई पदस्थापना के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से प्रारंभिक दौर की चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद सूची फायनल कर ट्रांसफर आदेश जारी किए जाएंगे। जून में लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद माना जा रहा था कि कई जिलों में कलेक्टरों की नई पदस्थापना की जाएगी। लंबे समय से जिलों में पदस्थ और अच्छा परफॉर्म नहीं करने वाले अधिकारियों को जिलों से वापस बुलाकर मंत्रालय में पदस्थ किया जाएगा। उनके स्थान पर युवा अधिकारियों को जिलों में भेजा जाएगा। इसके बाद सरकार ने कुछ जिलों में कलेक्टरों की नई पदस्थापना की है।

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