कानूनी लड़ाई जारी रखूंगी: के. कविता

के. कविता

हैदराबाद। दिल्ली आबकारी नीति मामले में जेल से बाहर आने के एक दिन बाद हैदराबाद जाने से पहले भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि न्याय होगा और वह अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगी। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंगलवार की शाम को तिहार जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होने के दूसरे दिन ही के. कविता ने कहा, “मेरा मानना है कि न्याय होगा। हम लड़ेगें। हम अपना संकल्प नहीं खोएंगे। बता दें कि के. कविता पांच महीने से भी ज्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में थी।” उन्होंने आगे कहा, “मैं इस लड़ाई को आगे बढ़ाऊंगी।”

के. कविता ने जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में अपने बेटे और भाई केटीआर के साथ मिठाइयां बांटीं। जमानत के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह के. कविता को भी दस-दस लाख रुपये का मुचलका भरना पड़ा और उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा करना पड़ा। के. कविता को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि मामले से संबंधित साक्ष्य जुटा लिए गए हैं, लेकिन अब इस मामले की सुनवाई में लंबा समय लग सकता है, लिहाजा आरोपी को तब तक के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता।

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

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