अगले मुख्य सचिव के लिए बिछने लगी बिसात

 मुख्य सचिव
  • चार आईएएस अधिकारी दौड़ में सबसे आगे

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र को जल्द ही नया मुख्य सचिव मिल सकता है। 30 सितंबर को वर्तमान मुख्य सचिव वीणा राणा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जिसके बाद प्रदेश के नए मुख्य सचिव को लेकर सरकार विचार मंथन कर रही है। मुख्य सचिव पद के लिए वैसे तो आईएएस अधिकारियों के लिए लंबी कतार है, लेकिन सबसे आगे चार नाम निकलकर सामने आ रहे हैं जिनमें अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान, एसएन मिश्रा और डॉक्टर राजेश राजौरा के नाम पर चर्चा हो रही है। इसके पहले ही सरकार विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी बना सकती है, जो एक अक्टूबर को वीरा राणा का स्थान लेगा। सूत्रों का कहना है कि यदि वीरा राणा को सेवावृद्धि दिलाने की स्थिति न बनी तो उन्हें अक्टूबर में राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाया जा सकता है। यहां पदस्थ पूर्व मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयुक्त नियम 1994 में प्रावधान है कि कार्यावधि समाप्त होने के बाद उत्तराधिकार की नियुक्ति होने और उसके पदभार ग्रहण करने तक पद पर बने रहेंगे परंतु यह अवधि छह माह से अधिक नहीं होगी। गौरतलब है कि वीणा राणा का 31 मार्च को रिटायरमेंट हो रहा था। लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें एक्सटेंशन दिया गया था। केंद्र सरकार से अनुरोध कर 6 महीने सेवा वृद्धि की गई थी। अब 30 सितंबर को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। जिसके बाद यह देखना होगा कि एक बार फिर उनके कामकाज को देखते हुए कार्यकाल बढ़ाया जाता है। या फिर उनकी जगह नया चेहरा मुख्य सचिव के रूप में देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय वरिष्ठता के आधार पर प्रदेश में उपलब्ध वरिष्ठ अधिकारी वीरा राणा को मुख्य सचिव पद का प्रभार दिया था। मोहन सरकार ने उन्हें इस पद पर नियमित किया। अब चुनाव जैसी कोई परिस्थिति नहीं है इसलिए मुख्यमंत्री की प्राथमिकता ऐसे अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने की होगी, जिसे काम करने के लिए पर्याप्त समय मिले।
ये अधिकारी हैं प्रबल दावेदार
इस दृष्टि से केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर पदस्थ अनुराग जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान और डा.राजेश राजौरा के नाम चर्चा में हैं। जैन अगस्त 2025, सुलेमान जुलाई 2025 और डा.राजौरा मई 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। वहीं, 1989 बैच के दो अधिकारी विनोद कुमार मई 2025 और जेएन कंसोटिया अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे पर दोनों की पदस्थापना इस समय मंत्रालय से बाहर है, इसलिए इन्हेें दौड़ से बाहर माना जा रहा है। उधर, सरकार में गृह, जेल और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाल रहे अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अनुराग जैन की यदि प्रदेश वापसी की स्थिति नहीं बनती है तो फिर मुख्य सचिव पद की दावेदारी में डॉ. राजौरा ही आगे नजर आ रहे हैं।
वीरा राणा को एक्सटेंशन की भी चर्चा
वहीं एक चर्चा यह भी है कि प्रदेश में अगले मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल आईएएस अधिकारियों का इंतजार 2025 तक बढ़ सकता है। क्योंकि मुख्य सचिव वीरा राणा को एक और एक्सटेंशन की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव मुख्य सचिव के काम से संतुष्ट हैं। ऐसे में सरकार उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाने का प्रयास कर सकती है। गौरतलब है कि मप्र में अगला प्रशासनिक मुखिया कौन होगा इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस दौड़ में सबसे आगे अनुराग जैन और राजेश राजौरा का नाम शामिल है। माना जा रहा था कि इनमें से ही किसी एक को प्रदेश का अगला मुख्य सचिव बनाया जाएगा। लेकिन प्रदेश में सरकार जिस तरह अधिकारियों की जमावट कर रही है, उससे लगता है कि मुख्य सचिव वीरा राणा को सेवावृद्धि मिल सकती है।
सुलेमान की दावेदारी कमजोर
 बीते रोज राज्य सरकार द्वारा जारी की गई दस वरिष्ठ आईएएस अफसरों की तबादला सूची में बेहद अहम है 1989 बैच के मो. सुलेमान की नई पदस्थापना। उन्हें जिस तरह से कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) पदस्थ किया गया है। उनकी इस नई पदस्थापना से यह माने जाने लगा है कि अब वे पूरी तरह से मुख्य सचिव के पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं।  ऐसे में सुलेमान को एपीसी के साथ कर्मचारी चयन मंडल (ईसीबी) या माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) का चेयरमैन बनाया जा सकता है। इसी माह ईसीबी के मौजूदा चेयरमैन संजय बंदोपाध्याय रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में अब राजेश राजौरा का सीएस पद का दावा और मजबूत हो गया है। माना जा रहा है कि राजौरा के सीएस बनते ही मो सुलेमान को एपीसी के साथ ईसीबी या माशिमं में पदस्थ किया जाएगा, जिससे वे मंत्रालय से बाहर हो जाए।
बैंस को भी मिला था दो बार एक्सटेंशन
वीरा राणा को इस साल 31 मार्च को रिटायर्ड होना था, लेकिन सरकार ने उन्हें छह माह का एक्सटेंशन दे दिया था।  सूत्रों का कहना है कि सरकार अब उन्हें दूसरी सेवावृद्धि देने की तैयारी कर रही है। इसके पहले इकबाल सिंह बैंस का दो बार छह-छह माह का कार्यकाल बढ़ाया गया था। बैंस को 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल 31 मई 2023 तक छह माह के लिए बढ़ाया गया था। इसके बाद 30 नवंबर 2023 तक के लिए एक और सेवा विस्तार दिया गया था। 1988 बैच की आईएएस अधिकारी वीरा राणा को भी बैंस की तरह दूसरी सेवावृद्धि दी जा सकती है। गौरतलब है कि वीरा राणा की गिनती मप्र के सख्त प्रशासनिक अफसरों में की जाती है। वीरा राणा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी, खेल और युवा कल्याण विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। इसलिए सरकार उनके प्रशासनिक अनुभव का लाभ आगे भी ले सकती है। बता दें कि वीरा राणा मप्र के इतिहास में निर्मला बुच के बाद मुख्य सचिव का पद संभालने वाली दूसरी महिला अधिकारी हैं। पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के पिछले साल 30 नवंबर को रिटायर्ड होने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1988 बैच की आईएएस अधिकारी वीरा राणा को पहले प्रभारी मुख्य सचिव बनाया था। बाद में उन्हें मुख्य सचिव बना दिया गया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उनकी कार्यप्रणाली से खुश हैं। लिहाजा उन्हें छह माह का एक्टेंशन दिया गया था। राज्य सरकार ने उनकी सेवावृद्धि करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।

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