बलाली के पहलवान रिकॉर्ड तोड़ें: विनेश फोगाट

नई दिल्ली। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि अगर वह अपने गांव बलाली से महिला पहलवानों को प्रशिक्षित करके उन्हें खुद से अधिक सफल बना सके तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी। विनेश ने 50 किग्रा वर्ग में फाइनल में पहुंचने के बाद अयोग्य करार दिए जाने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया था। विनेश ने पेरिस में शानदार प्रदर्शन किया था। विनेश पहली भारतीय पहलवान थीं जो ओलंपिक फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन स्वर्ण पदक मुकाबले से ठीक पहले उनका वजन निर्धारित सीमा से अधिक पाया गया और उन्हें अयोग्य घोषित किया गया था।

भारतीय महिला पहलवान भारत लौटीं। दिल्ली से अपने पैतृक गांव बलाली तक के रास्ते में विनेश को उनके समर्थकों और खाप पंचायतों ने सम्मानित किया। उन्हें 135 किलोमीटर की दूरी पूरी करने में लगभग 13 घंटे का समय लगा। वह मध्य रात्रि के समय अपने गांव पहुंची। गांव वालों ने उनका पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। विश्व चैंपियनशिप में दो बार की पदक विजेता विनेश ने उम्मीद जताई कि गांव का कोई खिलाड़ी उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा और उनसे अधिक सफलता हासिल करेगा।

विनेश फोगाट ने कहा- मैं तहेदिल से चाहती हूं कि गांव का कोई व्यक्ति मेरी विरासत को आगे ले जाए और मेरे रिकॉर्ड तोड़ दे। अगर मैं अपने गांव की महिला पहलवानों को बढ़ावा दे सकती हूं, तो यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। अगर इस गांव से कोई पहलवान नहीं निकलता है तो यह निराशाजनक होगा। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि गांव की महिलाओं का समर्थन करें। अगर उन्हें हमारी जगह लेनी है तो उन्हें आपके सहयोग और समर्थन की जरूरत पड़ेगी।

इस दौरान विनेश ने अपने गांव की महिलाओं को पहलवानी के गुर सिखाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा- मैंने कुश्ती में जो कुछ भी सीखा है, मुझे नहीं पता कि वह ईश्वर प्रदत्त है या मेरी कड़ी मेहनत है, लेकिन मेरे पास जो कुछ भी है मैं इस गांव की अपनी बहनों के साथ साझा करना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि वह मुझसे भी अधिक उपलब्धियां हासिल करें। तब मैं गर्व के साथ कह सकती हूं कि वह मेरे गांव की रहने वाली है और मैंने उसे प्रशिक्षण दिया है। मैं चाहती हूं कि मेरे गांव का कोई पहलवान मेरे रिकॉर्ड तोड़े। मेरे लिए इतनी रात तक जागने के लिए आप सभी का आभार।

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