लालफीताशाही में अटकी मप्र की फाइनेंशियल रिपोर्ट

  • मई से हो रही माथापच्ची फिर भी नहीं भेज रहे रिपोर्ट
  • गौरव चौहान
लालफीताशाही

अफसरों की लालफीताशाही, भर्राशाही और लापरवाही के कारण वित्त एवं विनियोग लेखा की रिपोर्ट का काम अटका हुआ है। दरअसल, सरकारी विभाग वर्ष 2023-2024 के वित्तीय खातों को अंतिम रूप देने के लिए महालेखाकार (एजी) कार्यालय को वित्तीय जानकारी नहीं दे रहे हैं। प्रधान महालेखाकार द्वारा 6 अगस्त को राज्य के मुख्य सचिव को इस बारे में लिखा गया था। प्रमुख सचिव-वित्त ने 12 अगस्त को सभी विभाग प्रमुखों को चार दिन में जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। सभी विभागों द्वारा जानकारी साझा किए जाने के बाद वर्ष 2023-2024 के लिए वित्त और विनियोग रिपोर्ट बनाई जा सकेगी। इस साल मई से ही यह विवाद चल रहा है।
प्रमुख सचिव वित्त की ओर से सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवालयों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रधान महालेखाकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे तैयार करने के लिए 31 मार्च 2024 तक वित्त लेखों पर नोट की जानकारी मांगी है। 26 जुलाई 2024 को संचालक बजट मध्य प्रदेश की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभागों में पदस्थ वित्तीय सलाहकारों/वित्त अधिकारियों को दो दिन के भीतर वांछित जानकारी प्रधान महालेखाकार ग्वालियर को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
110 में से 35 ने नहीं दी जानकारी
प्रिंसिपल अकाउंट जनरल ने लिखा है कि एजी कार्यालय द्वारा जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण वित्त लेखों को अंतिम रूप देने में अनावश्यक देरी हो रही है। जानकारी तत्काल उपलब्ध कराई जाए। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि करीब 56 विभागों में करीब 120 बजट नियंत्रण अधिकारी हैं। कई विभागों में दो या तीन से ज्यादा बजट नियंत्रण अधिकारी हैं। 120 अधिकारियों में से करीब 35 ने एजी द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं भेजी है। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही यह काम कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि विभागों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर 2023-2024 के लिए वित्त एवं विनियोग लेखा लेखा या रिपोर्ट बनाई जाती है, जिसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है। सीएजी ने रिजर्व बैंक ऑफ जमा (आरबीडी) की विसंगतियों के निराकरण के लिए राज्य सरकारों, आरबीआई और राज्य महालेखाकार कार्यालयों द्वारा संयुक्त कार्य योजना बनाने की बात कही है। इसमें नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक ने कार्य योजना बनाने और उपायों के सुझाव देने के लिए सीएएस, आरबीआई व सीएजी राज्य महालेखाकार कार्यालयों के सदस्यों को शामिल करते हुए एक कार्य समूह के गठन का सुझाव दिया है। इस मामले में आरबीआई, राज्य महालेखाकार और सीएजी के साथ समन्वय करने के लिए वित्त विभाग के नोडल अधिकारी के रूप में संचालक कोष एवं लेखा को नामांकित किया गया है।
जानकारी मिलने के बाद तैयार होगी रिपोर्ट
विभागों की ओर से जानकारी उपलब्ध कराए जाने के बाद वित्त एवं विनियोग लेखा की रिपोर्ट 2023-24 को अंतिम रूप दिया जाएगा। महालेखाकार कार्यालय इसी साल मई से यह रिपोर्ट तैयार करने की एक्सरसाइज कर रहा है। इस संबंध में वित्त विभाग के संदर्भित पत्र में भी वित्त संबंधी जानकारी प्रधान महालेखाकार कार्यालय की ई-मेल आईडी पर भेजने को कहा गया है। संचालक बजट की अध्यक्षता में गत 26 जुलाई को हुई बैठक में विभागों में पदस्थ वित्तीय सलाहकारों/वित्त अधिकारियों को वांछित जानकारी 2 दिन के अंदर प्रधान महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। प्रधान महालेखाकार ने पत्र में लिखा है कि महालेखाकार कार्यालय द्वारा वांछित जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण वित्त लेखा को अंतिम रूप देने में अनावश्यक विलंब हो रहा है, इसलिए वांछित जानकारी तत्काल उपलब्ध कराई जाए। इसे देखते हुए वित्त विभाग ने सभी विभागों को 16 अगस्त तक समेकित जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

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