ओडिशा में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल अब भाजपा के खिलाफ एक नया जागरुकता अभियान शुरू करेगी। इस मामले में सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, बीजद 16 अगस्त से राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करेगी। यह अभियान राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में चलाया जाएगा। बीजद बुजुर्गों के अधिकारों के लिए लड़ेगी। सभी पार्टी कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक अभियान में शामिल होंगे और लोगों को भाजपा के विश्वासघात के बारे में जागरूक करेंगे।
पटनायक ने बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और निराश्रितों के लिए 3,000 से 3,500 रुपये के सामाजिक सुरक्षा भत्ते के अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने के लिए सत्ताधारी पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसके बजाय, बजट में केवल 80 वर्ष से अधिक आयु वाले या 80 प्रतिशत विकलांगता वाले लोगों को ही बढ़े हुए भत्ते प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पर 45 हजार करोड़ रुपये का भारी कर्ज होने के बावजूद उसने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं, जिससे व्यापक असंतोष फैल रहा है। नवीन पटनायक ने इस बात पर जोर दिया कि बीजद ओडिशा के लोगों से की गई अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए भाजपा पर दबाव बनाने के लिए अपना अभियान जारी रखेगी।
पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने सोमवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार यूनेस्को कलिंग पुरस्कार के लिए समर्थन जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से समर्थन वापस लेने के कथित निर्णय पर चिंता व्यक्त की, उन्होंने कहा कि 2002 में पुरस्कार की 50वीं वर्षगांठ के बाद, केंद्र सरकार, ओडिशा सरकार और कलिंग फाउंडेशन ट्रस्ट के बीच लागत-साझाकरण व्यवस्था स्थापित की गई थी। उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर दुख हुआ है कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस पुरस्कार का समर्थन बंद करने का फैसला किया है। नवीन पटनायक ने जितेंद्र सिंह से यूनेस्को कलिंग पुरस्कार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, ताकि इसे ओडिशा के लोगों के लिए एक विरासत और गौरव के प्रतीक के रूप में संरक्षित किया जा सके। बता दें कि इस पुरस्कार की स्थापना 1952 में बीजू पटनायक की तरफ से कलिंगा फाउंडेशन ट्रस्ट से प्राप्त 1,000 पाउंड के उदार अनुदान से की गई थी।