एक ही काम करने वाले तीन निगम होंगे एक

निगम
  • स्थापना खर्च भी होगा कम और युवाओं की भी होगी परेशानी दूर

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में आरक्षित वर्ग के युवाओं के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करने वाले तीन निगमों को आपस में विलय कर उन्हें एक निगम बनाने की कवायद की जा रही है। इसकी वजह है तीनों ही निगम एक जैसा काम करते हैं। इससे न केवल स्थापना व्यय अधिक होता है, बल्कि कई बार तो काम में भी दिक्कत आती है। इन निगमों में पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम, अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त विकास निगम शामिल है। इसके लिए मंथन का दौर शुरु हो गया है। हाल ही में इसको लेकर मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। हालांकि इसका अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में ही किया जाएगा। मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जा रही है। प्रदेश में अनुसूचित जाति- जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए सरकार ने आर्थिक कल्याण योजना लागू की हैं। दरअसल, पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम, अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त विकास निगम का काम एक ही है। तीनों संस्थाएं बैंकों को अभ्यर्थियों के आवेदन अग्रेषित करते हैं और अनुदान देते हैं। ऐसे में अलग-अलग के स्थान पर एक व्यवस्था होने से अधिक लाभ दिलाया जा सकता है। इससे स्थापना व्यय भी घटेगा और निगरानी करना भी आसान होगा। जबकि, स्वरोजगार योजना में 50 लाख रुपये तक ऋऋण दिलाया जाता है। इस राशि पर लगने वाले ब्याज का आधे से अधिक भार सरकार अनुदान के रूप में उठाती है। शिवराज सरकार ने इस व्यवस्था को और अच्छा बनाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना लागू की थी।
    3% प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान देने का प्रावधान
    अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त विकास निगम द्वारा दो प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जाता है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से कम ब्याज दर पर लंबी अवधि के लिए राशि मिल जाती है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजना के माध्यम से वैसे ही राशि दिलाई जा रही है। ऐसे में अलग-अलग के स्थान पर एक व्यवस्था होने से अधिक लाभ दिलाया जा सकता है। इससे स्थापना व्यय भी घटेगा और निगरानी करना भी आसान होगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने बजट में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने की घोषणा की है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग इसकी तैयारी कर रहा है।

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