भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। नौ साल पहले शहरों को झुग्गी मुक्त करने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना भी बेअसर साबित हो रही है। इसकी वजह है भोपाल में झुग्गी माफिया को मिलने वाला अफसरों व नेताओं का साथ। यही वजह है कि शहर में योजना के तहत आवास भी बने और आवंटित भी किए गए लेकिन, झुग्गियां कम होने की जगह बढ़ गई हैं। इसकी वजह है, जिन्हें झुग्गियों की जगह आवास दिए गए हैं, उनके द्वारा या तो आवासों को बेंंच दिया गया है या फिर किराए पर दे दिया गया और वे झुग्गियों में ही रह रहे हैं। योजना में सरकार ने लक्ष्य तय किया था कि 2022 तक भारत के शहरी और ग्रामीण इलाके के हर एक गरीब और झुग्गी झोपड़ी में रह रहे परिवारों के पास अपना पक्का मकान होगा। साथ ही पूरा शहर झुग्गी मुक्त हो जाएगा, लेकिन राजधानी में आवास का लाभ लेने वाले और आवास का इंतजार कर रहे लाखों लोग आज भी झुग्गी झोपडिय़ों में रह रहे हैं। पूरा शहर झुग्गी मुक्त होने की जगह 5 हजार से ज्यादा झुग्गी बस्ती पॉश इलाकों में आज भी हैं। नगर निगम अध्यक्ष ने भी अधिकारियों से आपत्ति दर्ज कराई कि जब आवास दिया गया तो उस झुग्गी को तोड़ा क्यों नहीं गया।
किराए पर देरी होने पर सामान फेंकते हैं
इन मकानों में रह रहे लोगों से तीन से चार हजार रुपये महीना किराया लिया जाता है। यदि किराए में देरी होती है तो लोग आकर घर से बाहर सामान फेंकने लगते हैं। इसके अलावा इन मल्टी में लोग किराए पर ही नहीं, बल्कि एक से दो लाख रुपये तक में आवास बेचकर चले गए हैं। मल्टी में जो आवास हैं वह यहां रहने वाले लोगों के नहीं है, बल्कि बारिश से पहले जब सर्वे हुआ था तब भी यह लोग यहां नहीं रहते थे। जो लोग किराए पर आवास चला रहे हैं वह शहर के दूसरे हिस्से या बाहर रह रहे हैं।
शहर में मुख्य मार्ग के किनारे भी बनी मल्टी
शहर को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के सहत जंगह-जगह मल्टी बनाई गई है। राजधानी के प्रमुख और महंगे इलाकों की सडक़ किनारे भी इसकी मल्टी बना दी गई। इनमें पात्र हितग्राहियों का सर्वे कर झुग्गी के बदले आवास आवंटित किए गए थे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इन आवासों में गरीब हितग्राही नहीं बल्कि संपन्न लोग रहते हैं।
कारोबार के हिसाब से कर रहे उपयोग
गरीबों के लिए बनाए गए पीएम आवासों का उपयोग अधिक संपन्न लोग कारोबार के हिसाब से कर रहे है। यहां किराना दुकान, कबाड़ दुकान, ब्यूटी पार्लर आदि कारोबार खोल लिए गए हैं। इसके बाद भी नगर निगम, जिला प्रशासन द्वारा इनका कभी निरीक्षण नहीं कराया जाता है। इसी का लाम माफिया उठा रहे हैं और शहर में जगह-जगह शासकीय भूमि पर बनी झुग्गिया खत्म नहीं हो रही हैं। पंचशील नगर बस्ती के लोगों को मल्टी में आवास आवंटित किए गए थे। यहां रहने वाले कार, जेसीबी, डंपर आदि का संचालन करते हैं। वहीं, उनके बड़े व्यवसाय भी चल रहे हैं। मल्टी के बाहर ही बड़ी संख्या में चार पहिया, तीन पहिया वाहन खड़े रहते हैं।
10/08/2024
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