भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के दो शहरों भोपाल और इंदौर में मेट्रो स्टेशनों व डिपो की सुरक्षा का जिम्मा प्रायवेट कंपनियों के हवाले रहेगा। यह निर्णय सुरक्षा पर आने वाले खर्च की बचत को लेकर लिया गया है। दरअसल दोनों शहरों में सुरक्षा के लिए करीब डेढ़ हजार सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए जाएंगे। इनमें राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) के जवानों के साथ ही निजी एजेंसियों के गार्ड भी संभावति हैं। ऐसा नही हैं कि मप्र में ऐया किया जा रहा है बल्कि बेंगलुरु, कोची जैसे बड़े शहरों में मेट्रो की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के जवानों और निजी एजेंसियों को तैनात किया गया है। अगर सूत्रों की माने तो भोपाल और इंदौर मेट्रो के लिए 2056 सुरक्षाकर्मियों की जरूरत रहेगी। इन्हें 58 स्टेशन और दो डिपो पर तैनात किया जाएगा। इस हिसाब से प्रत्येक स्टेशन पर औसतन 34 सुरक्षाकर्मियों की जरूरत होगी। हालांकि, बजट की सीमा को देखते हुए हर स्टेशन पर 25 सिक्योरिटी पर्सनल तैनात करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें कहा गया है कि सरकारी एजेंसियों से 65 फीसदी और निजी से 35 प्रतिशत सुरक्षाकर्मी लिए जा सकते हैं। बैगेज स्केनिंग, सर्विलांस, किक रिस्पॉन्स टीम में भी सुरक्षाकर्मियों की जरुरत रहेगी।
कारपोरेशन ने खर्च का लगवाया अनुमान: सुरक्षाकर्मी रखने के सिलसिले में कॉर्पोरेशन ने राज्य शासन से संपर्क किया था। वहां से सीआईएसएफ की तैनाती की सलाह दी गई। इस पर होने पाले संभावित खर्च का कॉर्पोरेशन ने शुरुआती एसेसमेंट कराया। इसमें सामने आया कि केवल 13 स्टेशन और दो डिपो पर सुरक्षाकर्मियों लगाने के एवज में 37.99 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य खर्च शामिल नहीं है। वास्तविक आंकलन पर यह खर्च बढऩे की संभावना है। ऐसे में कॉपीरेशन ने सीआईएसएफ लगाने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए फिर से सरकार और पुलिस से संपर्क किया। अन्य मेट्रो के फॉर्मूले पर विदार करने का आग्रह किया। साथ ही बताया कि कोची, बंगलुरु मेट्रों में 45 से 50 फीसदी सुरक्षाकर्मी राज्य सरकार की एजेंसियों के हैं।
राज्य सरकार को ही उठाना होगा सुरक्षा व्यवस्था का खर्च
केंद्र व व राज्य सरकार और मन मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच हुए समझौते के मुताबिक सुरक्षा के उचित इंतजाम करने की जिम्मेवारी मप्र शासन की की होगी। इसके मद्देनजर सीआईएसएफ, एसआईएसएफा, डीजीआर और निजी सिक्योरिटी एजेंसी के मिश्रण के बेहतर विकल्प की कार्य दिया जा सकता है। कॉपीरेशन ने इसका काइनल रोडमैप शासन की हाई पावर कमेटी से देने का आग्रह किया गया है। कॉर्पोरेशन ने राज्य से यह भी अनुरोध किया है कि सुरक्षा के लिए अलग से बजट प्रावधान किय जाना उचित होगा। एसआईएसएफ का चयन किया जाता है तो सीधे गृह विभाग को यह दिया जा सकता है। हालांकि, पसआईएसएफ के पास महिला गार्ड नहीं होगी।
10/08/2024
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