जिले में दो सैकड़ा स्कूलों में प्रशासन को हादसों का इंतजार

हादसों का इंतजार
  • जिम्मेदारों  की नहीं टूट रही है सक्रियता

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के साथ ही भोपाल में भी बीते कई दिनों से बारिश का दौर जारी है। ऐसे में दूसरों जिलों की तरह ही भोपाल में भी जर्जर भवनों से हादसे होने की संभावना बढ़ती जा रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार विभागीय अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। राजधानी होने के बाद भी भोपाल जिले में दर्जनों ऐसे स्कूल हैं, जो बेहद जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे अधिक खराब स्थिति शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल भवनों की है। इनमें  शासकीय उमावि जहांगीरिया, शासकीय माध्यमिक शाला भीम नगर, शासकीय उमावि कन्या सुल्तानिया के नाम शामिल हैं। इसी तरह से कई स्कूलों में जलभराव की स्थिति बन चुकी है। अब बारिश का दौर चल रहा है। सागर में हुए हादसे के बाद अब प्रशासन व स्कूल शिक्षा विभाग की नींद खुली है। यही वजह है कि अब जाकर स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला परियोजना समन्वयकों से जर्जर स्कूल भवनों की सूची मांगी है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जो जानकारी सामने आ रही है उसमें भोपाल जिले में 181 शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल जर्जर हालत पहुंच चुके हैं। इनमें शहर के ही स्कूलों की संख्या 34 है। इसके अलावा कुछ स्कूलों में तो जलभराव तक की स्थिति बन गई है। इसकी वजह से अब ऐसे स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजने की तैयारी की जा रही है। दूसरें स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत न आए इसके लिए आवश्यक व्यवस्था करने की कवायद की जा रही है। इसके अलावा बाकी जर्जर स्कूल स्कूल फंदा और बैरसिया क्षेत्र के हैं। इनकी संख्या 147 है। दुर्घटनाओं की अंशका के चलते अब विभाग ने सभी प्रधानाध्यापकों को जलभराव वाले स्कूलों के जर्जर कक्षाओं में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दिए हैं। उधर, अब बारिश के बीच विभाग ने जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए नगर निगम को पत्र लिखा है। शासकीय प्राथमिक शाला पत्रकार भवन एक कक्ष में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं लगाई जाती हैं। साथ ही रोशनपुरा बस्ती के सामुदायिक भवन में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं लगाई जाती हैं। वहीं शासकीय प्राथमिक शाला मैदामिल टीन के टपरे में लगाई जाती हैं। यह स्कूल भी जर्जर की सूची में है। गजब तो यह है कि जर्जर स्कूलों की मरम्मत का ध्यान विभाग को अब जािर आया है, जबकि यही काम गर्मियों के अवकाश के दिनों में कराया जाना चाहिए था। जिससे इस तरह की सिथति ही नहीं बनती।
डीईओ ने 45 जर्जर स्कूलों की सूची कलेक्टर को सौंपी
सागर हादसे के बाद भोपाल जिले के स्कूलों को लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार को बैठक बुलाई, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी डीईओ नरेंद्र अहिरवार ने कलेक्टर को जर्जर स्कूलों की सूची सौंपी है। जिसमें 45. स्कूल ऐसे हैं, जिनकी मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने डीईओ से कहा कि क्या हादसे का इंतजार कर रहे हो। इन सभी स्कूलों से बच्चों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराया जाए। इस कार्य को गंभीरता से करने के लिए एसडीएम को भी निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर की हिदायत के बाद सोमवार को ही बैरसिया और कोलार एसडीएम ने 10 स्कूलों के बच्चों की कक्षा को दूसरी जगहों पर शिफ्ट कराया।

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