बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप पर निर्वाचन अधिकारी को कोर्ट का नोटिस

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ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप पर निर्वाचन अधिकारी को कोर्ट का नोटिस
पूर्व मुख्यमंत्री व राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे दिग्विजय सिंह ने सांसद रोडमल नागर के निर्वाचन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर राजगढ़ के जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रत्याशी व अन्य से 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। दिग्विजय सिंह ने याचिका में आरोप लगाए हैं कि मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी हुई थी। इसी का फायदा भाजपा प्रत्याशी को मिला था। उनके निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाए। याचिका में मांग की गई है कि राजगढ़ लोकसभा के मतदान, मतगणना सहित पूरा रिकॉर्ड चुनाव आयोग से हाई कोर्ट में तलब किया जाए। ईवीएम का हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर उस कंपनी से भी बुलवाया जाए, जिसने ईवीएम तैयार की है। नागर के निर्वाचन को होल्ड पर रखा जाए।

राज्यमंत्री टेटवाल के जाति प्रमाण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
राज्यमंत्री गौतम टेटवाल को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन फॉर्म के साथ लगाए गए जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। बुधवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी। हालांकि याचिकाकर्ता के द्वारा सिंगल बेंच के इस आदेश को डिविजन बेंच में अपील के रूप में चुनौती दी जाएगी। याचिका में उल्लेख किया गया था कि सारंगपुर से विधायक चुने गए टेटवाल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। उन्होंने खुद को अनुसूचित जाति का होना बताया है, जबकि इसके पहले के घटनाक्रमों में उनकी जाति पिछड़ा वर्ग के रूप में भी सामने आ चुकी है। मध्यप्रदेश में जिन्हें पिछड़ा वर्ग माना गया है, उनमें 11वें नंबर पर उनकी जाति है। इसके बावजूद उन्होंने खुद को अजा का बताकर प्रमाण पत्र पेश कर दिया।

गड्ढों की समस्या से परेशान मंत्री ने पीडब्ल्यूडी मंत्री को लिखी चिट्ठी
प्रदेश में भारी बारिश के चलते सडक़ें पूरी तरह से उखड़ चुकी हैं। सडक़ में गड्ढे या गड्ढों में सडक़… के हालात शहर से लेकर गांवों तक होते जा रहे हैं। आम से लेकर खास तक इन हालात से परेशान हैं। गड्ढों से भरी सडक़ों से व्यथित होकर अब प्रदेश के एक मंत्री ने अपनी सरकार के दूसरे मंत्री को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने गड्डों भरी सडक़ों से हो रही परेशानियों का जिक्र करते हुए इनके सुधार की गुहार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक, मप्र सरकार के संस्कृति और पर्यटन विभाग के मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने प्रदेश भर में सडक़ों की खराब स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह को चिट्ठी लिखकर सडक़ों के सुधार की मांग की है। लोधी ने लिखा है कि प्रदेश भर में सडक़ों पर गड्ढे हो रहे हैं, जिसके चलते दुर्घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने लिखा है कि इन गड्ढों की वजह से लोगों को आवागमन में परेशानियां उठाना पड़ रही हैं। लोधी ने पीडब्ल्यूडी मंत्री से गुहार लगाई है कि इन हालात पर तत्काल सुधार करने के लिए कहा है।

विधायक निर्मला बोली, नियम अवधि में दे दूंगी पत्र का जवाब
कांग्रेस छोडक़र भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के तीन महीने बाद भी बीना विधायक निर्मला सप्रे ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। विधानसभा सचिवालय ने 24 जुलाई को विधायक निर्मला सप्र को पत्र जारी किया था। इसमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की याचिका का हवाला देते हुए उनसे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के संबंध में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था। उनसे कहा गया था कि पत्र की प्राप्ति के सात दिनों की अवधि में अध्यक्ष के समक्ष जवाब प्रस्तुत करें। पत्र जारी हुए बुधवार को सात दिन हो गए, लेकिन अब तक विधायक निर्मला सप्रे ने इस संबंध में विधानसभा को उनका जवाब नहीं मिला है। विधायक निर्मला का कहना है कि उन्हें 31 जुलाई को ही विधानसभा का पत्र प्राप्त हुआ है। वे निर्धारित अवधि में विधानसभा अध्यक्ष को जवाब प्रस्तुत कर देंगी।

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