मंत्री और विधायकों में बढ़ रहा है असंतोष…
गौरव चौहान/भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अफसरशाही लोगों के लिए तो पहले से ही मुसीबत बनी हुई थी , लेकिन अब तो इसका शिकार जनप्रतिनधि भी होने लगे हैं। अफसरों की मनमानी ऐसी है कि वे आमजन की बात पहले से ही नहीं सुन रहे थे , लेकिन अब तो वे विधायक और मंत्रियों तक को कोई तबज्जो नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से अब उनमें असंतोष पैदा होना शुरु हो गया है। विपक्षी विधायक इस तरह के आरोप लंबे समय से लगा रहे हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम पर इन आरोपों का तो कोई असर नहीं हुआ उलटे उनकी मनमानी बढ़ती ही जा रही है। यही वजह है कि अब तो वे सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों तक को महत्व नहीं दे रहे है। इसको लेकर अब गुस्सा बाहर आना शुरु होने लगा है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने भी आ चुके हैं। ऐसे मामलों में कोई जनप्रतिनिधि खुलकर तो कोई पत्र लिखकर संबंधित अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। ऐसा नहीं है कि इस तरह के मामले पहली बार सामने आ रहे हैं, बल्कि इसके पहले भी नेता खुलकर संगठन और सरकार की बैठकों में कई बार अपना दर्द बयंा कर चुके हैं। हद तो यह है काम होना अलग बात है कई अफसर तो विधायकों के फोन तक नहीं उठाए हैं।
थाना प्रभारी से परेशान हैं मंत्री…
प्रदेश सरकार में मंत्री एंदल सिंह कंषाना एक टीआई से इतने परेशान हैं ,कि उन्होंने कानून व्यवस्था पर ही गंभीर सवालिया निशान खड़ा कर दिया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यहां तक कहा है कि उनके जिले के एक थाना प्रभारी रिश्वत लेकर झूठे प्रकरण दर्ज करने का काम करते हैं। अहम बात यह है कि अपनी ही सरकार के सिस्टम पर सवाल उठाते समय उनके साथ सांसद शिवमंगल सिंह तोमर भी थे। यह आरोप उनके द्वारा बाकायदा पत्रकार वर्ता बुलाकर लगाए गए हैं। इसके बाद भी थाना प्रभारी का कुछ नहीं बिगड़ सका है। इससे समझा जा सकता है कि थाना प्रभारी का रसूख कैसा है। यह आरोप लगाते समय वे यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने कानून-व्यवस्था को चौपट बताते हुए पुलिस विभाग के बड़े अफसरों पर भी कई सवाल खड़े कर दिए। साथ ही कहा कि डीजीपी और सीएम को भी इसकी जानकारी है।
दे डाली इस्तीफे तक की धमकी
उमा भारती समर्थक भाजपा विधायक प्रीतम लोधी इतने परेशान हो चुके हैं कि उनके द्वारा तो वाकायदा 14 जुलाई को एक वीडियो जारी कर इस्तीफे तक की धमकी दे डाली है। दरअसल, पूरा मामला पुलिस से जुड़ा हुआ था। जिसमें होमगार्ड जवान द्वारा उनके कार्यकर्ता के साथ मारपीट करते समय उन पर कटाक्ष किया जा रहा था। इस पर विधायक ने वीडियो जारी कर कहा था कि उन्हें और उनके कार्यकर्ताओं को टारगेट किया जा रहा है। बाद में मामला गर्माने के बाद संबंधित होमगार्ड जवान को निलंबित कर दिया गया। दरअसल यह तो वे मामले हैं,जो सार्वजनिक रुप से सामने आ चुके हैं, लेकिन कई अन्य विधायक भी इसी तरह से परेशान चल रहे हैं।
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा आरटीओ से परेशान
इसी तरह से भोपाल की हुजूर विधानसभा से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने 12 जुलाई को परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को एक पत्र लिखा था। इसमें उनके द्वारा भोपाल के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) जितेन्द्र शर्मा को हटाने की मांग कर डाली। विधायक शर्मा ने आरटीओ पर तानाशाही करने का आरोप लगाते हुए उनकी जगह किसी अन्य को अधिकारी पदस्थ करने का आग्रह किया था। ज्ञात रहे कि यहां वाहन ट्रांसफर के समय उपस्थित होना और पेपर जमा करने का विरोध किया जा रहा है।
एसडीएम के छुुए पैर
सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा इलाके में पेयजल के गंभीर संकट की कई बार अफसरों से शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होने से इतने परेशान हो गए कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से जलसंकट की समस्या का निदान करने के लिए न केवल एसडीएम के सामने हाथ जोड़े ,बल्कि उनके पैर भी छुए थे। इस दौरान उनके द्वारा यहां तक कहा गया था कि कुछ अफसर कांग्रेस से मिले हुए हैं। इसलिए वे उनकी बात ही नहीं सुनते हैं।