
- लाड़ली बहनों के लिए आवास योजना का दिया था भरोसा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक योजना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पर बेहद भारी पड़ रही है। दरअसल चुनाव के ठीक पहले गरीब मतदाताओं को लुभाने के लिए लाड़ली बहना योजना की सफलता से उत्साहित चौहान ने लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों को सरकार के खर्च पर मकान के लिए पैसा दिए जाने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत उस समय विधानसभा चुनाव को देखते हुए आनन -फानन में आवेदन भी लेना शुरु कर दिए गए थे। चुनाव होने के बाद शिवराज की प्रदेश से विदाई हो गई , लिहाजा योजना पर काम भी बंद हो गया। हालत यह है कि अब तक विभाग लाड़ली बहना आवास योजना में अब तक 63 लाख 28 हजार आवेदन जमा हो चुके है। अब इन आवेदनों को सम्हालने से लेकर हितग्राहियों का सामना करने में विभाग के अफसरों से लेकर मैदानी अमले तक को बेहद परेशान होना पड़ रहा है। विभाग के अफसरों को लग रहा था कि इस मामले में डां. मोहन सरकार आगे बढ़ेगी, लेकिन बजट में इस योजना के लिए न तो राशि का प्रावधान किया गया है और न ही इसका उल्लेख किया गया है। जिसकी वजह से अब यह योजना महज आवेदन लेने तक ही सीमित हो गई है। प्रदेश में लाड़ली बहना योजना में करीब सवा करोड़ से अधिक महिलाओं को हर माह 1250 रुपये की राशि मिल रही है। इनमें से करीब 25 फीसद महिलाओं के पास अब भी पक्के आवास नहीं है। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौहान ने इन बहनों के लिए आवास योजना बनाई थी, जिसमें महिलाओं को एक लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलनी थी, लेकिन आवेदन जमा करने के बाद न तो पात्र हितग्राहियों की सूची बनी न महिलाओं को राशि मिली। दरअसल विधानसभा चुनाव को देखते हुए उसके ठीक पहले विभाग द्वारा 5 सितंबर 2023 से लेकर 5 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए थे। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए की गई इस घोषणा के बाद महिलाओं ने अपनी अपनी ग्राम पंचायतों में आवेदन भी जमा कराए। पंचायत कर्मचारियों ने आवेदनों को लाड़ली बहना वाले पोर्टल पर दर्ज भी कर लिया। उसके बाद आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव होने और नई सरकार बनने के बाद से ही योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। यही वजह है कि प्राप्त आवदेनों की जांच और उसके बाद पात्र महिलाओं की बनाई जाने वाली सूची तक काम बंद कर दिया गया है।
नहीं तैयार हुई गाइड लाइन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सूत्रों की मानें तो विभाग को अब तक प्रदेशभर में लाड़ली बहना आवास योजना में कुल 63 लाख 28 हजार आवेदन मिल चुके हैं। नए बजट में योजना के लिए बजट ही निर्धारित नहीं किया गया है। सरकार ने अब तक योजना की कोई गाइड लाइन भी तैयार नहीं की है। विभाग का कहना है कि राज्य सरकार ने लाड़ली बहना आवास योजना के लिए सौ करोड़ रुपये का प्रविधान रखा है। केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री आवास का आवंटन होने के बाद इस योजना पर आगे का काम किया जाएगा।
सरकार की मजबूरी
दरअसल मोहन सरकार चाहकर भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा को पूरा नहीं कर सकती है। इसकी वजह है सरकार की माली हालत। दरअसल पूर्व की सरकारों में वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान ही नहीं दिया गया, जिसकी वजह से आय में वृद्धि की तुलना में अधिक खर्च की योजनाएं बनाकर लागू की जाती रही हैं। इसकी वजह से सरकार को हर साल भारी भरकम राशि बतौर कर्ज लेकर अपना काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में अगर सरकार इस योजना पर आगे बढ़ती है तो उसे भारी रकम का इंतजार करना होगा। दरअसल इस योजना के तहत हर हितग्राही को पक्के मकान के लिए एक लाख बीस हजार रुपए दिए जाते हैं।