
- लोकसभा चुनाव में हारी विधानसभा सीटों पर भाजपा का मंथन…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटें जीत कर भाजपा ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। इस जीत से भाजपा का उत्साह और जोश सातवें आसमान पर है। लेकिन पार्टी के रणनीतिकार लोकसभा चुनाव के दौरान सात विधानसभा सीटों पर मिली हार से हैरान है। पार्टी में इस बात पर मंथन चल रहा है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी प्रत्याशी ने बड़ी जीत हासिल की थी, उन पर लोकसभा चुनाव के दौरान हार हुई है। इस हार के लिए कौन जिम्मेदार है? गौरतलब है कि मप्र में भाजपा संगठन इतना मजबूत है कि वह हार का पचा नहीं पाता है। संगठन केवल चुनाव के दौरान ही नहीं बल्कि पूरे समय बूथ से लेकर विधानसभा स्तर पर सक्रिय रहता है। इसके बावजूद 2023 के विधानसभा चुनाव में जिन सात सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी, लोकसभा चुनाव में उन पर हार का सामना करना पड़ा है। सबलगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा विधानसभा चुनाव में 9805 वोट से जीती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में 13085 वोट से हार गई। इसी तरह सेंवढ़ा में 2558 वोट से जीती, लेकिन लोकसभा में 4967 वोट से हार गए। भितरवार में 22354 वोट से विस चुनाव जीते और लोस में 5810 वोट से हार मिली। सिहावल में विस 16478 वोट से जीते, लोस 943 वोट से हारे। शहपुरा सीट पर 5617 वोट से जीते और लोस 5117 वोट से हार गए। पानसेमल में 13442 वोट से जीते और लोस में 5290 वोट से हार गए। इसी तरह विधानसभा चुनाव में बुरहानपुर सीट पर 31171 वोट से जीते, लेकिन लोकसभा चुनाव में 7209 वोट से हार गए। प्रदेश मंत्री भाजपा रजनीश अग्रवाल का कहना है कि परिणामों से स्पष्ट है कि हम हारे हैं। क्यों हारे, क्या कारण रहे, इस पर पार्टी विचार कर रही है। क्या समाधान हो सकते हैं, इस पर व्यापक विचार विमर्श किया जा रहा है। निक्षित रूप से इस स्थिति को सुधारने के लिए अपने कार्यक्रमों के माध्यम से यहां फोकस बढ़ाकर जनता के बीच अपनी सक्रियता बढ़ाने का काम संगठन करेगा।
हारी सीटों की होगी निगरानी
महज छह माह के अंदर सात सीटों के बदला मिजाज भाजपा को हजम नहीं हो रही है। चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि इन सात में पांच सीटों पर छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को 10 हजार से 31 हजार से अधिक वोटों की लीड मिली थी। मगर अब 10 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा है। अब इन सीटों पर विधायकों के साथ ही निशाने पर आए बड़े नेताओं की निगरानी के लिए प्रदेश संगठन किसी सख्त मिजाज पदाधिकारी को भेजने की तैयारी में है। भाजपा को इसमें अंदर का खेल नजर आ रहा है और पार्टी अब दबे पाव घर के भेदिए को खोज रही है। जल्द ही इन सभी सीटों पर हार में सहयोग करने वालों को गाज गिर सकती है। भाजपा ने वैसे तो इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से सभी 29 सीटें जीतकर अटूट रिकॉर्ड बनाया है। इस जीत का जश्न राजधानी में हुई प्रदेश कार्यसमिति में भी दिनभर मंच से मंडप तक रह-रहकर मनता रहा। मगर इन सबके बीच भाजपा में रिजल्ट की लगातार चल रही समीक्षा में सात सीटें नजर चढ़ गई हैं। इनमें तीन सीटें ग्वालियर-चंबल तथा दो सीटें निमाड़ तथा 1-1 सीट महाकौशल व विंध्य की हैं। ग्वालियर चंबल की सबलगढ़, सेंवढ़ा व भितरवार सीट विधानसभा चुनाव में भाजपा ने खासे अंतर से जीती थीं। इनमें सबसे बड़ा अंतर 22354 वोटों का अंतर भितरवार में था। वहीं महाकौशल की शहपुरा व विंध्य की सिहावल सीट से भी कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले हैं। सिहावल में तो 16 हजार से ज्यादा का अंतर है। वहीं निमाड़ की बुरहानपुर सीट विधानसभा चुनाव में 31 हजार से भाजपा जीती थी। मगर अब लोकसभा में यह सीट हाथ से निकली है। शहपुरा में विधानसभा चुनाव भाजपा ने 5617 वोट से जीती था और लोकसभा में 5117 वोट कम मिले। यानि अंतर डबल का हो गया।
हारे बूथ साधेगी भाजपा…
मप्र में हारे हुए बूथों की भाजपा अब समीक्षा कर मजबूत पकड़ बनाने में जुटेगी। इसके लिए नए सिरे से रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। भाजपा भले ही लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ जीती हो, लेकिन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हारे हुए बूथ अब भी पार्टी के लिए चुनौती है। भाजपा केंद्र में भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार नहीं बना पाई है। ऐसे में इससे सबक लेते हुए भाजपा अब हारे हुए 20 प्रतिशत बूथों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहाएगी। इसके लिए आगामी दिनों में बूथवार विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों में विधायक और सांसद को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। जिला और मंडल स्तर की कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। 12 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिलों की कार्यसमिति की बैठकें होगी। जिन जिलों में आज बैठक हो जाएगी, वहां 10 से 15 जुलाई के मध्य मंडल स्तर की कार्यसमिति की बैठकें होगी। 13 से 20 जुलाई के मध्य शक्ति केंद्रों का सम्मेलन आयोजित किया जाएंगे और पोलिंग एजेंटों को सम्मानित किया जाएगा।