- मध्यप्रदेश बनेगा बेमिसाल
- विनोद उपाध्याय
मप्र विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद मप्र में डबल इंजन सरकार का दम दिखेगा। यानी केंद्र सरकार की योजनाओं और सहयोग मिलने से मप्र में और तेजी से विकास होगा तथा मप्र बेमिसाल बनेगा। वहीं प्रदेश में आगामी एक वर्ष में अधोसंरचना विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार पूंजीगत निवेश बढ़ाएगी। मोहन सरकार भी बजट में पूंजीगत व्यय के लिए लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का प्रविधान करने जा रही है, जो अब तक की सर्वाधिक राशि होगी। इससे सडक़, सिंचाई, बिजली सहित अन्य विभागों की प्राथमिकता वाली अधोसंरचना विकास से जुड़ी योजनाओं को गति दी जाएगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र सबसे आगे है। अब मप्र सरकार पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है। यानी सरकार को अपने निर्धारित लक्ष्यों को तो पूरा करना ही है, साथ ही विधानसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी ने प्रदेश की जनता से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने के लिए मोहन यादव मिशन मोड में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों और मंत्रियों को संकल्प पत्र -2023 की घोषणाओं और वचनों को पूरा करने और उसे जमीन पर उतारने के लिए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। पीएम मोदी की गारंटी वाली गाड़ी प्रदेश के गांव-गांव और शहर-शहर तक पहुंची है और करीब 50 लाख लोगों को विभिन्न योजनाओं का फायदा पहुंचाया है। संकल्प पत्र की घोषणा को पूरा करते हुए मोहन यादव सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर प्रदेश के 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है।
केंद्रीय योजनाओं से लाभ उठाने का निर्देश
उधर, मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सभी विभागीय अधिकारियों से कहा है कि केंद्रीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए समय से प्रस्ताव संबंधित मंत्रालयों को प्रेषित किए जाएंगे। वे स्वयं भी अलग अलग मंत्रियों से भेंट करके प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति दिलाने का प्रयास करेंगे। दरअसल, केंद्रीय योजनाओं में अब तक प्रदेश का प्रदर्शन बेहतर रहा है। केंद्र सरकार ने पांच वर्ष में तीन करोड़ आवास बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 36 लाख तीन हजार 960 और शहरी क्षेत्रों में सात लाख 88 हजार 140 आवास बन चुके हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से एक लाख 22 हजार आवास बनेंगे, जिनकी शुरुआत भी हो चुकी है। जल जीवन मिशन में 70 लाख 14 हजार 609 नक कनेक्शन दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना के चौथे चरण के लिए एक हजार 630 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 10 हजार करोड रुपये की लागत से 24 सडक़ परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 हजार 500 करोड़ रुपये की अधोसंरचना विकास की परियोजनाओं का लोकापर्ण कर चुके हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 24 हजार 290 करोड़ रुपये की स्वीकृत मिल चुकी है और दो टेंडर भी हो गए हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना और देवास एलिवेटेड कारिडोर बन रहे हैं।
सीएम का फोकस विकास पर
डॉ. मोहन यादव ने सीएम बनते ही पुराने मामलों की फाइलों को निपटाने में भी सक्रियता दिखाई। उन्होंने सबसे पहले इंदौर की प्रसिद्द हुकुमचंद्र मिल के मजदूरों को उनके बकाया राशि देने संबंधी फाइल को आगे बढ़ाया और राशि मिलने के प्रक्रिया को पूरा किया। किसानों की समृद्धि के लिए खेती में सिंचाई का पानी पहुंचे, इसके लिए लंबे समय से लंबित पार्वती- कालीसिंध और चम्बल लिंक परियोजना के करार पर राजस्थान के साथ एमओयू किया। इसके साथ ही राजधानी भोपाल में यातायात की सुगमता के लिए बीआरटीए कॉरिडोर को हटाने संबंधी निर्णय लेकर क्रियान्वयन भी प्रारंभ कराया। मोहन यादव सरकार के 6 माह के कार्यकाल में लगभग 3 माह लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी रही। इस दौरान कोई नया काम नहीं हुआ, लेकिन इसके पहले जो शुरुआत की उनके बारे में सरकार की ओर से दावा किया गया है कि नामांकन, बंटवारा, सीमांकन जैसे राजस्व के लाखों अविवादित लंबित मामलों के निराकरण के लिए अभियान चलाया गया और 30 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण हो गया। राज्य शासन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है, डबल इंजन सरकार का यह संकल्प सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। शासन की जन हितैषी योजनाएं-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबसे पहले देश में जनधन खाते खोले गए। इसका परिणाम यह हुआ कि गरीब कल्याण की योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के खातों में पहुंचने लगी। गरीबों को न केवल न्याय मिले बल्कि उन तक न्याय पहुंच सके इसका प्रबंध सरकार ने किया है।
मप्र को 90 हजार करोड़ से अधिक मिलेंगे
मप्र में अधोसंरचना विकास सहित अन्य कार्यों में आर्थिक बाधा भी नहीं आने वाली है। क्योंकि केंद्र सरकार से विभिन्न करों के हिस्से में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे। इसमें केंद्रीय सहायता अनुदान 41,884 हजार करोड़ रुपये का रहेगा। अधोसंरचना विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में पूंजीगत निवेश लगातार बढ़ाया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में यह 46 हजार 800 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में 15 प्रतिशत बढ़ाकर 56 हजार 256 रुपये किया गया। अब इसे 60 हजार करोड़ रुपये किया जा रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार की भी मंशा है कि प्रदेशों में पूंजीगत निवेश बढ़ाया जाए ताकि रोजगार के अवसर भी बढ़ें और अर्थव्यवस्था को गति मिले। इसके लिए 90 हजार करोड़ रुपये का प्रविधान भी अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने किया है। इसका कुछ हिस्सा प्रदेश को भी मिलेगा, जिससे अधोसंरचना विकास की गाड़ी और तेजी के साथ दौड़ेगी। राज्य अपने संसाधनों से भी अधोसंरचना विकास के कामों को गति देगा। सडक़, पुल, सिंचाई, सीएम राइज स्कूल भवन, प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कालेज, चिकित्सा महाविद्यालय, औद्योगिक केंद्रों का विकास आदि कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाएंगे। इनके लिए बजट में प्रविधान किया जा रहा है।