आखिरकार 2015 बैच के… आईएएस का खुला खाता

  • आईएएस संस्कृति जैन बनी कलेक्टर
  • विनोद उपाध्याय
आईएएस

भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के नौ साल बाद आखिरकार मप्र कैडर के 2015 बैच के आईएएस अफसरों का कलेक्टर बनने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बैच से संस्कृति जैन पहली कलेक्टर बनी है। उन्हें सिवनी का कलेक्टर बनाया गया है। इससे इस बैच के आईएएस अफसरों का कलेक्टर बनने का खाता खुल गया है। बैच के अन्य अधिकारियों को अब कलेक्टर बनने का रास्ता खुल गया है। गौरतलब है कि मप्र में कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में देरी का असर आईएएस अफसरों के मनोबल पर पड़ रहा है। दूसरे राज्यों में उनके बैच के अधिकारी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं और मप्र में आईएएस अफसर वर्षों से जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम कमिश्नर, एडीएम, मंत्रालय में उप सचिव जैसे पदों पर पदस्थ हैं।
गौरतलब है कि मप्र में कैडर मिस मैनेजमेंट के कारण युवा आईएएस अधिकारी कलेक्टर बनने में पिछड़ते जा रहे है। मप्र में अभी 2014 बैच तक के आईएएस अधिकारी ही कलेक्टर बन पाए हैं। 2015 से लेकर इसके बाद के बैच के अफसर बेसब्री से कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे हैं। 2015 बैच के अफसरों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पूर्व उनके बैच की कलेक्टर के पद पोस्टिंग शुरू हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि देर से ही सही अब मप्र में 2015 बैच के आईएएस अधिकारियों के कलेक्टर बनने की आस जग गई है। जानकारी के मुताबिक उड़ीसा में 2018 बैच, राजस्थान में 2016 बैच और छत्तीसगढ़ में 2017 बैच के आईएएस अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पोस्टिंग हो चुकी है। मप्र कैडर के 2014 बैच के चार अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें अब तक कलेक्टर के पद द पर र पदस्थ नहीं नहीं किया गया है। इन अफसरों में नियाज खान, नीतू माथुर, अंजू भदौरिया और जमुना भिड़े शामिल हैं।
कैडर मिस मैनेजमेंट
दरअसल, मप्र में कैडर मिस मैनेजमेंट के कारण युवा आईएएस अफसर कलेक्टर के पद पर पदस्थ होने में तो पिछड़ ही रहे हैं, उनके करियर प्रोफाइल पर भी विपरीत असर हो रहा है। आईएएस अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में मप्र उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्यों से पिछड़ गया है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सामान्यत: एक बैच के सभी आईएएस अफसरों की कलेक्टर के पद पर एक साथ पोस्टिंग की जाती है, लेकिन मप्र में ऐसा नहीं है। यहां एक ही बैच के आईएएस अफसरों की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग अलग-अलग समय में की जा रही है। कलेक्टर की पोस्टिंग में वरिष्ठता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सामान्यत: किसी कलेक्टर की पदस्थापना के लिए जिलों को ए, बी और सी कैटेगरी में बांटा जाता है। ए कैटेगरी में बड़े जिले, बी कैटेगरी में मध्यम जिले और सी कैटेगरी में छोटे जिले आते हैं। सबसे पहले किसी आईएएस को छोटे जिले में, फिर मध्यम और फिर बड़े जिले में पदस्थ किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मप्र में कलेक्टर की पोस्टिंग में इसका ख्याल नहीं रखा गया है। किसी आईएएस की कलेक्टर के पद पर पहली पोस्टिंग बड़े जिले में दे दी गई एवं कई अधिकारी वरिष्ठ होने के बावजूद छोटे जिलों में पदस्थ है। लेकिन संस्कृति जैन के कलेक्टर बनने से 2015 बैच की आईएएस अदिति गर्ग, पार्थ जायसवाल, रोशन कुमार सिंह, मृणाल मीना, हर्ष सिंह, हर्षल पंचोली, हिमांशु चंद्रा, ऋतु राज, अर्पित वर्मा, बालगुरु के, गुंचा सनोबर, राखी सहाय, संजय कुमार जैन, शीला दाहिमा और बिदिशा मुखर्जी को कलेक्टर बनने का इंतजार है। इस बैच की संस्कृति जैन को कलेक्टर सिवनी पदस्थ किया गया है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नए सिरे से प्रशासनिक जमावट करने जा रहे हैं। मैदानी स्तर पर नए सिरे से अफसरों की पोस्टिंग होगी। मुख्यमंत्री की मुख्य सचिव वीरा राणा से ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में 2015 बैच के आईएएस अफसरों को प्राथमिकता दी जाएगी।
नौ साल बाद कलेक्टरी की शुरुआत
मप्र कैडर के 2015 बैच के आईएएस अफसरों की इंतजार की इंतहां खत्म हो गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के नौ साल बाद अब इस बैच के अफसरों की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की शुरुआत हो गई है। इस बैच की पहली आईएएस अधिकारी संस्कृति जैन को कलेक्टर सिवनी बनाया गया है। इस बैच के आईएएस अधिकारी पिछले तीन-चार साल से बेसब्री से कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे हैं। मप्र में कैडर मिस मैनेजमेंट की वजह से अब तक उनकी कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग नहीं हो पाई। मप्र कैडर के 2015 बैच में कुल 16 अधिकारी हैं, जो वर्तमान में नगर निगम आयुक्त, अपर कलेक्टर, मंत्रालय में उप सचिव जैसे पदों पर पदस्थ हैं। अमूमन प्रशासनिक सेवा में आने के 6 से 7 साल में किसी आईएएस अधिकारी की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग हो जाती है और वह अपने सेवाकाल में तीन से चार जिलों में कलेक्टर रह लेता है, लेकिन इस बैच के अधिकारियों की कलेक्टर के पद पर पदस्थापना लेट होने से वे एक से दो जिलों में ही कलेक्टर रह पाएंगे। सामान्यत: किसी आईएएस अधिकारी की 13 साल की सेवा अवधि तक कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की जाती है। इसके बाद उसे फील्ड से वापस बुला लिया जाता है।

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