- अच्छी परफार्मेंस वाले प्रोफेसरों की होगी पदस्थापना…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक्सीलेंस कालेजों की तर्ज पर केंद्र सरकार ने सभी जिलों में पीएम श्री महाविद्यालय स्वीकृत किए हैं। मप्र में फिलहाल 55 पीएमश्री उत्कृष्ट कालेज खोले जा रहे हैं। पीएमश्री कॉलेजों के लिए उच्च शिक्षा विभाग का शार्टकट फॉर्मूला अपनाने जा रही है। यानी इसके लिए पुराने कॉलेजों को ही पीएमश्री में कन्वर्ट किया जा रहा है। वहीं बेहतर स्टाफ के लिए अच्छी परफार्मेंस करने वाले प्रोफेसरों की पीएम श्री महाविद्यालयों में पदस्थापना करने की तैयारी की जा रही है।
राज्य सरकार में भले ही ट्रांसफर पर अभी बैन चल रहा हो, लेकिन पीएमश्री उत्कृष्ट कालेजों के लिए उच्च शिक्षा विभाग में 1800 से ज्यादा प्रोफेसरों के कॉलेज बदलने की तैयारी चल रही है। एक जुलाई को नया सत्र शुरू होने के पहले ही हर कालेज के अच्छी परफार्मेंस वाले प्रोफेसरों को ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके चलते ट्रांसफर से प्रतिबंध हटते ही बड़ी संख्या में प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स यहां से वहां हो सकते हैं। असल में केंद्र सरकार ने एक्सीलेंस कालेजों की तर्ज मप्र में खोले जाने वाले पीएम श्री महाविद्यालय के लिए पुराने कालेजों को ही पीएमश्री में कन्वर्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गतदिनों उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा कर पीएम उत्कृष्ट महाविद्यालयों के संबंध में चल रहीं तैयारियों पर अधिकारियों से चर्चा की थी। इसमें उन्होंने साफ निर्देश दिए थे कि 55 जिलों में ये कालेज शुरू किए जा रहे हैं। इन कालेजों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। भवन निर्माण, विस्तार, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, खेल मैदान सहित सभी सुविधाओं के लिए बजट आवंटित किया जा रहा है। इन कॉलेजों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं के लिए बस की व्यवस्था भी की जाएगी। सभी छात्रों को एक रुपए में बस की सुविधा प्रदान की जाएगी। पीएम श्री कालेजों को लेकर विभाग में भी बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है।
खंगाली जा रही है प्रोफेसरों की कुंडली
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पीएमश्री कॉलेज में अन्य कॉलेजों से स्टॉफ भेजा जाना है इससे जो रिक्त होंगे ,उन्हें ट्रांसफर से भर दिया जायेगा। ऐसे शासकीय कालेज जो एक-दो प्रोफेसरों के ही भरोसे चल रहे हैं, फिलहाल ऐसे कॉलेजों के अच्छे प्रोफेसर पीएमश्री में जाने से छूट सकते हैं। इनकी जगह विभाग ऐसे कालेजों के प्रोफेसरों को पीएमश्री में भेजने की तैयारी में जुटा है जहां पर्याप्त संख्या में स्टाफ है। ताकि एक-दो को यहां से हटाने के बाद भी पढ़ाई का नुकसान न हो। पीएमश्री में भेजने के लिए प्रोफेसरों की सीआर, उनका एकेडमिक रिकॉर्ड, पिछले सालों का रिकॉर्ड भी पलटा जा रहा है। इसके लिए हर कालेज से स्टाफ का रिकॉर्ड मंगाया गया है। हालांकि प्रोफेसरों को बाहर से लाने की बजाय स्थानीय को ज्यादा महत्व दिया जाएगा। ताकि कोई भी पीएमश्री कालेज में जाने से मना नहीं कर सके। वहीं कम दूरी वाले कॉलेजों से भी फिलहाल ट्रांसफर किया जा सकता है।
बेहतर स्टाफ की खोज
सूत्रों का कहना है कि सरकार भले की पूराने कॉलेजों को पीएम श्री में कन्वर्ट कर रही है, लेकिन इनके स्टॉफ को लेकर पहले से ही बेहतर व्यवस्था रखना चाहती है। नियमानुसार तो इन कॉलेजों में भी उत्कृष्ट संस्थानों की तरह इंटरव्यू के माध्यम से विशेषज्ञ प्रोफेसरों को पदस्थ किया जाना है, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है। जबकि एक जुलाई से ही सारे कालेज शुरू किए जाना है। समय की तंगी को देखते हुए सरकार इन पीएमश्री कॉलेजों के लिए शॉर्टकट से प्रोफेसर्स की तैनाती में जुट गई है। इन 55 कॉलेजों में 1800 से अधिक प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर पदस्थ किए जाना है। अब शॉर्टकट अपनाते
हुए इन सभी पीएम श्री कॉलेजों के लिए अन्य कॉलेजों को खंगाला जा रहा है। पहले से संचालित शासकीय कॉलेजों के अच्छे रिजल्ट व परफार्मेस वाले प्रोफेसरों पर नजर रखी जा रही है। इन सभी की लिस्ट उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की जा रही है। अगले सप्ताह तक इन सभी के पदस्थापना आदेश भी जारी किए जाने की संभावना है। पीएमश्री कालेजों के लिए बड़ी संया में प्रोफेसरों को यहां से वहां करने का असर इस बार ट्रांसफर सीजन में देखने को मिल सकता है। ऐसे में सीजन में ट्रांसफर होने वाले शिक्षकों की संया बड़ सकती है। इसकी वजह है पीएमश्री के कारण कालेजों के खाली होने वाले पद। इन पदों को लेकर हर कोई अपनी पसंद के कालेज में जाने के लिए आवेदन कर सकता है।