नई दिल्ली। नीट और यूजीसी-नेट परीक्षा का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को कहा कि वह इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच चाहते हैं। येचुरी ने कहा, व्यापमं मामला भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास था, उसका क्या हुआ? सीबीआई कभी किसी कमी को जनता के सामने लाया? सीबीआई की खासियत केवल विपक्षी नेताओं के पीछे पड़ना है।
वहीं, नीट-यूजी परीक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को लेकर अन्नाद्रमुक प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कहा कि वे (द्रमुक और कांग्रेस) पूरी तरह से समाधान के लिए कभी काम नहीं करेंगे। कांग्रेस अब नीट को खत्म करने का समर्थन कर रही है। उन्हें अपने-अपने राज्यों में प्रस्ताव पारित करने और इसे राष्ट्रपति के पास भेजने से किसने रोका है? आप मुद्दों से पीछे नहीं हट सकते हैं और इसके चारों ओर एक कहानी बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी को लेकर उन्होंने कहा, यह घटना मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनकी शासन करने की अक्षमता को उजागर करती है। हमारे विधायक ने ज्ञापन दिया था कि जिले में नशीले पदार्थों और अवैध शराब खुलेआम बिक रही है। कृपया कार्रवाई कीजिए। कल रात तक या आज सुबह तक द्रमुक इससे इनकार करने की मुद्रा में थी। कलेक्टर ने खुलेआम कहा था कि अवैध शराब कहीं नहीं है। उन्होंने द्रमुक सरकार की अक्षमता को छिपाने के लिए तमिलनाडु की जनता से झूठ बोला। यह पूरे विभाग और सरकार की भारी विफलता है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने नीट और यूजीसी-नेट परीक्षा के मुद्दे पर कहा, यह हैरान करने वाला है। यह सिस्टम के कामकाज के तरीके में कुछ गड़बड़ी को दिखाता है। यह भयानक स्थिति है और सरकार को मिलकर इस पर कार्रवाई करनी होगी। अब जब उन्होंने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) बनाने और इस प्रकार की राष्ट्रीय परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी ली है तो उन्हें और अधिक निष्पक्ष तरीके से आयोजित करनी होगी। पेपर लीक की इस हास्यास्पद प्रथा को रोकने के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए।