वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका अपने अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ा रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेसी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर पहल को आगे बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। यह बात नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने गुरुवार को कही।
उन्होंने कहा कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में इसरो के अंतरिक्ष यात्री के साथ साझा प्रयास पर काम कर रहे हैं। नेल्सन ने एक्स पर लिखा, “नासा ने मानवता के हित में अमेरिका और भारत की आईसीईटी की पहल को आगे बढ़ाना जारी रखा है। हम दोनों देश मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग को गहरा कर रहे हैं, ताकि अंतरिक्ष स्टेशन में इसरो के अंतरिक्ष यात्री के साथ साझा प्रयास जारी रखा जा सके।” उन्होंने कहा कि हम अभी मिशन पर काम कर रहे हैं। ये प्रयास भविष्य में मानव अंतरिक्ष यान का समर्थन करेंगे और धरती पर जीवन को बेहतर बनाएंगे।
नेल्सन ने पिछले साल भारत का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कई बैठकें और बातचीत की थी। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए भारत की सराहना भी की थी। भारत और अमेरिका ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में आईसीईटी पर अमेरिका-भारत पहल की दूसरी बैठक आयोजित की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद दोनों देशों ने मानव अंतरिक्ष यान के लिए रणनीतिक ढांचे को अंतिम रूप दिया। यह नासा और इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के बीच अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहला साझा प्रयास है।
दोनों देश नासा जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रशिक्षण शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। नासा दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करेगा। जिनमें से एक इस साल के अंत में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरेगा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि इसरो प्रशिक्षण के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करेगा।